भारत के इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर स्टार्ट-अप सेलेस्टियल को मिला Rs. 254 करोड़ का निवेश
हाइलाइट्स
हैदराबाद आधारित इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर स्टार्ट-अप, सेलेस्टियल ई-मोबिलिटी ने निवेश मिलने की घोषणा की है जो 35 मिलियन यूरो है और यह राषि भारतीय मुद्रा में रु 254 करोड़ के बराबर है. सेलेस्टियल ने सफलतापूर्वक अपनी 5 लाख डॉलर यानी करीब रु 3.63 करोड़ की शुरुआती व्यवस्था को प्राप्त कर लिया है, इसकी वजह कंपनी का मज़बूत और दूरदर्शी व्यापार का मॉडल है जिससे लोग इसमें निवेश करने का मन बना रहे हैं. हालांकि यह जानकारी देना आवश्यक है कि सोनालिका पहले ही खेतों में चलाने लायक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर - टाइगर इलेक्ट्रिक पेश कर चुकी है जो देश का पहला इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर है.
नीतिगत निवेश के इस पड़ाव में इलेक्ट्रिक मोटर कंपनी के को-फाउंडर आशिक करीम, अपकैपिटल इन्वेस्टमेंट्स के फाउंडर, कनाडा की प्रचलित ईवी फायनेंशियल ग्रूप ने ना सिर्फ इस स्टार्ट-अप में निवेश किया है, बल्कि इस कंपनी की ब्रांडिंग और विकस के काम में मदद का ऐलान भी किया है. खेती, कमर्शियल बैंकिंग और वित्त व्यवस्था से नाता रखने वाले कनाडा के गुर्ज औजला और बाकी रसूखदारों ने भी इसमें हिस्सा लिया है. सेलेस्टियल ने मार्च 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का पहला प्रोटोटाइप पेश किया था जिसमें बैटरी बदलने, बरीजनरेटिव ब्रेकिंग, पावर इन्वर्शन, घरेलू एसी पावर चार्जिंग और सुपरफास्ट चार्जिंग जैसे फीचर्स दिखाए गए थे.
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इसमें लीथियम-आयन बैटरी तकनीक दी गई है जिससे इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर भार के साथ लंबी दूरी तय कर सकता है, इसमें बूंद भर इंधन का इस्तेमाल नहीं होता और इसे चलाना भी बहुत आसान है. नए इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर में 150 एएच लीथियम-आयन बैटरी लगी है जो 4.4 किलोवाट क्षमता वाली इलेक्ट्रिक मोटर के ताकत देती है. ये दोनों मिलकर 18 बीएचपी ताकत और 53 एनएम पीक टॉर्क बनाते हैं. ट्रैक्टर 20 किमी/घंटा अधिकतम रफ्तार वाला है और यह 1.2 टन भार उठा सकता है. सामान्य चार्जर से ट्रैक्टर की बैटरी 6 घंटे में पूरी तरह चार्ज होती है, वहीं फास्ट चार्जर की मदद से 2 घंटे में यह 100 प्रतिशत चार्ज हो जाती है.