विश्व साइकिल दिवस पर अनिश्चित काल के लिए बंद हुई एटलस साइकिल्स
हाइलाइट्स
सन 1951 में शुरू हुई भारत की सबसे पुरानी साइकिल कंपनी एटलस ने अपनी गाजियाबाद स्थित फैक्ट्री को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है. बुधवार को सुबह जब मज़दूर काम करने पहुंचे तो उन्होंने कंपनी के बाहर एक नोटिस लगा पाया जिसमें लिखा था कि कंपनी के पास फैक्ट्री चलाने का पैसा नहीं है. एटलस साइकिल ने साहिबाबाद की फैक्ट्री बंद कर दी है. फैक्ट्री के सैकड़ों श्रमिकों को ले ऑफ़ किया गया है. साहिबाबाद में एटलस की यह फैक्ट्री 1989 से चल रही है.
एटलस साइकिल ने साहिबाबाद की फैक्ट्री में लॉकडाउन से पहले हर महीने दो लाख साइकिलें बनाई जा रही थीं. अब हालत यह है कि फैक्ट्री के मजदूरों और कर्मचारियों को मई माह का वेतन भी नहीं दिया गया है. एक समय ऐसा भी था जब कंपनी ने सालाना 40 लाख साइकिल बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. बता दें कि साल 1951 में जानकी दास कपूर ने कंपनी की शुरुआत की थी और पहले ही साल एटलस ने 12,000 साइकिल के उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया था.
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अब ले-ऑफ नोटिस में कंपनी के प्रबंधक ने कहा कि संचालकों के पास फैक्टरी चलाने के लिए रकम नहीं है. कच्चा माल खरीदने तक के पैसे नहीं हैं. इसलिए कर्मचारियों को तीन जून से ले-ऑफ करने के लिए कहा गया है. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कपंनी की शुरुआत कैसे हुई और कैसे इसने अपनी पहचान बनाई. 1965 तक एटलस देश की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी बन गई थी. ये भी बता दें कि एटलस को इटली का गोल्ड मर्करी इंटरनेशनल अवॉर्ड मिल चुका है.