सरकार ने PLI ऑटो योजना में फेर-बदल करने के साथ इसे एक साल और बढ़ाने का फैसला किया
हाइलाइट्स
भारी उद्योग मंत्रालय ने 29 अगस्त को ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के लिए हितधारकों के साथ एक समीक्षा बैठक की. भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे की अध्यक्षता में बैठक मंत्रालय द्वारा दिए गए कुछ सुझावों को स्वीकार करने के साथ समाप्त हुई. ऑटो उद्योग ने साथ ही घोषणा की है कि पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2026-27 से बढ़ाकर अब वित्त वर्ष 2027-28 तक कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: भारतीय ऑटो उद्योग 2030 तक बन सकता है दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने पीएलआई मंजूरी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए 'घरेलू वृ्द्धि' के परीक्षण के लिए अतिरिक्त एजेंसियां खोलने के हितधारकों के सुझावों को स्वीकार कर लिया. वर्तमान में केवल दो एजेंसियां हैं जो पीएलआई मानदंडों को पूरा करने के लिए 50 प्रतिशत स्थानीयकरण के न्यूनतम मूल्य को पूरा करने वाले पार्ट्स के साथ 'डीवीए' परीक्षण करती हैं. भविष्य में यह संख्या चार एजेंसियों तक जाएगी. एमएचआई ने क्वाटरली सब्सिडी प्रक्रिया देने का सुझाव भी स्वीकार कर लिया.
पांडे ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बदलावों से पीएलआई योजना को गति मिलेगी.
समीक्षा बैठक में टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ओला इलेक्ट्रिक, अशोक लीलैंड, ह्यून्दे मोटर, बॉश, टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स जैसी प्रमुख ऑटोमोटिव क्षेत्र की कंपनियों के साथ-साथ MHI, NITI आयोग, ARAI, ICAT, GARC, SIAM,ACMA और NATRAX के अधिकारियों ने भाग लिया.
भारत सरकार 2030 तक भारतीय ऑटो उद्योग को दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उद्योग बनाने पर विचार कर रही है और इस प्रक्रिया में पीएलआई योजना के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है.
पीटीआई से इनपुट के साथ
Last Updated on August 30, 2023