दिल्ली हाई कोर्ट ने क्रैश गार्ड्स बैन पर लगाया स्टे, अगली सुनवाई तक नहीं कटेंगे चालान
पिछले साल दिसंबर में केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों से अनाधिक्रत रूप से वाहनों में फिट किए क्रैश गार्ड और बुल बार के खिलाफ मजबूत ऐक्शन लेने को कहा था.
हाइलाइट्स
पिछले साल दिसंबर में केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों से अनाधिक्रत रूप से वाहनों में फिट किए गए क्रैश गार्ड और बुल बार के खिलाफ मजबूत ऐक्शन लेने को कहा था. सरकार ने कहा था कि वाहनों पर ऐसी फिटिंग पैदल यात्रियों के लिए खतरनाक हो सकती हैं. हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऐसे क्रैश गार्ड और बुल बार्स पर बैन पर 18 अप्रैल 2018 तक स्टे लगा दिया है. जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की एक बेंच ने सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने इस मामले की जांच करने और 18 अप्रैल तक चालान की प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली हाईकोर्ट की इस बेंच ने महसूस किया है कि मंत्रालय ने इस नोटिफिकेशन को जारी करने से पहले मोटर व्हीकल्स एक्ट की पूरी तैयारी नहीं की और अब कोर्ट ने इसे दोबारा डिटेल में जवाब देने को भी कहा है.
ये भी पढ़ें : नेशनल हाईवे पर अक्सर करते हैं ड्राइविंग तो ये खबर है आपके काम की, मुसीबतों से बचाएगी App
दिल्ली हाईकोर्ट की इस बेंच ने कहा कि, “किस आधार पर ये नोटिफिकेशन जारी किया गया? किन कानून के तहत सभी राज्यों को ऐसी फिटिंग के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिए गए? अगली तारीख तक एस मामले में कोई भी चालान काटने पर रोक लगाई जाती है.” मोटर व्हीकल्स एक्ट 1988 के सैक्शन 190 के तहत पब्लिक प्लेस पर सड़क सुरक्षा, वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण का उल्लंघन करने वाला वाहन चालक या वाहन चलाने की अनुमति देने वाला व्यक्ति 1,000 रुपए के आर्थिक दं का भागीदार होगा. गलती दोबारा होने पर उप व्यक्ति को 2,000 रुपए का अर्थिक दंड दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें : SC ने बाइक में पीछे बैठने वालों के लिए अनिवार्य किए सेफ्टी फीचर्स, SIAM की अपील रद्द
सैक्शन 191 में उल्लेख है कि, “जो भी व्यक्ति इन वाहनों को आयात करता है या मोटर वाहनों का डीलर है जो इन वाहनों को बेचता या डिलिवर करता या फिर ऑफर करता है और उनका सार्वजनिक स्थल पर इसका इस्तेमाल चैप्टर 7 के तहत 5,000 रुपए तक के दंड का भुगतान करना होगा.” पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए इस फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अगली तिथि तक स्टे लगाया है और 18 अप्रैल को दोबारा इस मामले पर सुनवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें : नेशनल हाईवे पर अक्सर करते हैं ड्राइविंग तो ये खबर है आपके काम की, मुसीबतों से बचाएगी App
दिल्ली हाईकोर्ट की इस बेंच ने कहा कि, “किस आधार पर ये नोटिफिकेशन जारी किया गया? किन कानून के तहत सभी राज्यों को ऐसी फिटिंग के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिए गए? अगली तारीख तक एस मामले में कोई भी चालान काटने पर रोक लगाई जाती है.” मोटर व्हीकल्स एक्ट 1988 के सैक्शन 190 के तहत पब्लिक प्लेस पर सड़क सुरक्षा, वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण का उल्लंघन करने वाला वाहन चालक या वाहन चलाने की अनुमति देने वाला व्यक्ति 1,000 रुपए के आर्थिक दं का भागीदार होगा. गलती दोबारा होने पर उप व्यक्ति को 2,000 रुपए का अर्थिक दंड दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें : SC ने बाइक में पीछे बैठने वालों के लिए अनिवार्य किए सेफ्टी फीचर्स, SIAM की अपील रद्द
सैक्शन 191 में उल्लेख है कि, “जो भी व्यक्ति इन वाहनों को आयात करता है या मोटर वाहनों का डीलर है जो इन वाहनों को बेचता या डिलिवर करता या फिर ऑफर करता है और उनका सार्वजनिक स्थल पर इसका इस्तेमाल चैप्टर 7 के तहत 5,000 रुपए तक के दंड का भुगतान करना होगा.” पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए इस फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अगली तिथि तक स्टे लगाया है और 18 अप्रैल को दोबारा इस मामले पर सुनवाई की जाएगी.
# Bull bars# Crash Guards# delhi high court bull bars# delhi high court crash guars# Cars# Auto Industry# bike
Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.