दुबई में शुरू हुई आसमान में चलने वाली टैक्सी की टेस्टिंग, स्मार्टफोन से बुक होगी टैक्सी!
दुबई में सोमवार को पहली उड़ने वाली टैक्सी की टस्टिंग की गई. क्राउन प्रिंस शेख हमदन बिन मोहम्मद के लिए आयोजित एक समारोह में इस टैक्सी को टेस्ट किया गया. जर्मनी की ड्रोन कंपनी वोलोकॉप्टर इस प्रोजैक्ट पर काम कर रही है और यह बेहद एडवांस किस्म की उड़ने वाली टैक्सी होगी जिसे स्मार्टफोन से भी बुक कर सकेंगे.
हाइलाइट्स
- उड़ने वाली टैक्सी जर्मनी की ड्रोन कंपन वोलोकॉप्टर बना रही है
- यह एक 18 प्रोपेलर वाला एक छोटा टू-सीटर हेलीकॉटर केबिन होगा
- इसकी पहली उड़ान के दौरान इस टैक्सी पर कोई नाम नहीं था
सोमवार को दुबई में ड्रोन टैक्सी की टेस्टिंग की गई, कहने का मतलब ये है कि दुनिया जल्द ही उड़ने वाली टैक्सी देखेगी. यह प्लान यूनाइटेड अरब अमीरात का है जो अपने आप को इस अविष्कार के लिए दुनिया में सबसे आगे रखना चाहता है. इस उड़ने वाली टैक्सी को जर्मनी की ड्रोन कंपनी वोलोकॉप्टर डेवेलप कर रही है. इस कंपनी ने 2 सीटर हेलीकॉप्टर केबिन बनाया है जिसके उूपर 18 प्रोपेलर वाला चौड़ा हूप लगाया है. दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदन बिन मोहम्मद के लिए आयोजित एक समारोह में इस फ्लाइंग टैक्सी को बिना किसी नाम के टेस्ट किया गया.
इस टैक्सी को ड्रोन से अलग बिना रिमोट कंट्रोल के चलाया जाएगा और यह एक बार में ज्यादा से ज्यादा 30 मिनट की उड़ान भर सकती है. इस टैक्सी में दुर्घटना से बचने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं जिनमेंः अतिरिक्त बैटरी, रोटोर और बहुत बुरी स्थिति में दो पैराशूट्स भी रखे होंगे.
यह बेहद एडवांस किस्म की उड़ने वाली टैक्सी होगी जिसे स्मार्टफोन से भी बुक कर सकेंगे
वोलोकॉप्टर एक दर्जन से भी ज्यादा यूरोपियन और अमरीकी कंपनियों के साथ दौड़ में शामिल है जो इसी तरह के ट्रांसपोर्ट पर काम कर रही हैं जो भविष्य में देखा जाएगा. यह कॉन्सेप्ट ड्राइवर लेस कारों और इलैक्ट्रिक कारों के बहुत उूपर है.
इस प्लान में बड़ी एयरबस भी शामिल है जो 2020 तक सेल्फ पायलट वाली टैक्सी होगी. गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज के समर्थन वाली कंपनी किटी हॉक को उूबर का भी समर्थन मिला है जो खुदकी उड़ने वाली टैक्सी बनाने में लगी हुई है.
यह प्लान यूनाइटेड अरब अमीरात का है
वोलोकॉप्टर के सीईओ फ्लॉरेन रूटर ने बताया कि यह बेहद एडवांस टैक्नोलॉजी होगी जिसमें आप अपने स्मार्टफोन से इस फ्लाइंग टैक्सी को बुक कर सकते हैं, इसके बाद नज़दीकी वोलोपोर्ट पर पहुंचकर बिना पायलट वाली टैक्सी लें और अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंचें.
इस उड़ने वाली टैक्सी को जीपीएस के जरिए किसी भी वांछित स्थाप पर पहुंचाया जा सकता है. इसके साथ ही हवा में उड़ने के दौरान इस वोलोकॉप्टर के सामने कुछ आ जाए तो ये एसे भी भांप लेता है.
नोटः इस खबर का एनडीटीवी स्टाफ द्वारा सिर्फ अनुवाद किया गया है, यह खबर एजेंसी से ली गई है.
इस टैक्सी को ड्रोन से अलग बिना रिमोट कंट्रोल के चलाया जाएगा और यह एक बार में ज्यादा से ज्यादा 30 मिनट की उड़ान भर सकती है. इस टैक्सी में दुर्घटना से बचने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं जिनमेंः अतिरिक्त बैटरी, रोटोर और बहुत बुरी स्थिति में दो पैराशूट्स भी रखे होंगे.
वोलोकॉप्टर एक दर्जन से भी ज्यादा यूरोपियन और अमरीकी कंपनियों के साथ दौड़ में शामिल है जो इसी तरह के ट्रांसपोर्ट पर काम कर रही हैं जो भविष्य में देखा जाएगा. यह कॉन्सेप्ट ड्राइवर लेस कारों और इलैक्ट्रिक कारों के बहुत उूपर है.
इस प्लान में बड़ी एयरबस भी शामिल है जो 2020 तक सेल्फ पायलट वाली टैक्सी होगी. गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज के समर्थन वाली कंपनी किटी हॉक को उूबर का भी समर्थन मिला है जो खुदकी उड़ने वाली टैक्सी बनाने में लगी हुई है.
वोलोकॉप्टर के सीईओ फ्लॉरेन रूटर ने बताया कि यह बेहद एडवांस टैक्नोलॉजी होगी जिसमें आप अपने स्मार्टफोन से इस फ्लाइंग टैक्सी को बुक कर सकते हैं, इसके बाद नज़दीकी वोलोपोर्ट पर पहुंचकर बिना पायलट वाली टैक्सी लें और अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंचें.
इस उड़ने वाली टैक्सी को जीपीएस के जरिए किसी भी वांछित स्थाप पर पहुंचाया जा सकता है. इसके साथ ही हवा में उड़ने के दौरान इस वोलोकॉप्टर के सामने कुछ आ जाए तो ये एसे भी भांप लेता है.
नोटः इस खबर का एनडीटीवी स्टाफ द्वारा सिर्फ अनुवाद किया गया है, यह खबर एजेंसी से ली गई है.
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