Exclusive: भारतीय बाज़ार के लिए सबकॉम्पैक्ट सेडान पर काम कर रही है रेनॉ
हाइलाइट्स
कंपनी और कुछ स्वतंत्र सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि रेनॉ भारतीय बाज़ार के लिए नई सबकॉम्पैक्ट सेडान पर काम कर रही है. ये सैगमेंट वित्तीय वर्ष 2019 में 12प्रतिशत बढ़ा है जो 4.6 लाख यूनिट हुआ है और आने वाले समय में सैगमेंट की समान या उससे ज़्यादा बढ़ोतरी का अनुमान है. रेनॉ भारतीय बाज़ार के हिसाब से कार बनाना चाहती है जिन्हें विदेशी बाज़ारों में निर्यात भी किया जा सके. नई सबकॉम्पैक्ट सेडान को ट्राइबर वाले CMF-A प्लैटफॉर्म पर बनाया जाएगा. इसका सबसे बड़ा कारण है कि रेनॉ ट्राइबर डेवेपलमेंट प्रोग्राम से इस कार के केबिन को बेहतर से और बेहतर बनाने का काम करेगी जो कंपनी ने ट्राइबर बनाने के दौरान सीखा है.
पिछले समय में रेनॉ की सेडान के मुकाबले नई सबकॉम्पैक्ट सेडान को CMF-A प्लैटफॉर्म पर बनाया जाएगा जो रेनॉ की अपकमिंग सबकॉम्पैक्ट SUV HBC में भी इस्तेमाल होगा. ये वही प्लैटफॉर्म है जो रेनॉ क्विड और डैट्सन रेडी गो में भी इस्तेमाल किया जाता है. इस सैगमेंट की कारों की मांग बाज़ार में काफी ज़्यादा है क्योंकि टैक्सी या फ्लीट ग्राहक जैसे कि ओला और उबर इसके बड़े ग्राहक हैं. छोटे परिवार की ज़रूरतों के हिसाब से भी ये बेहतर विकल्प साबित होती आ रही हैं. अमूमन सबकॉम्पैक्ट एसयूवी के मुकाबले सबकॉम्पैक्ट सेडान की कीमत लगभग लाख रुपए कम होती है ऐसे में रेनॉ इसकी कीमत को काफी आकर्षक रखने वाली है.
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ये सैगमेंट इतना पॉपुलर है कि लगभग सभी ऑटोमोटिव कंपनियां इस सैगमेंट में वाहन लॉन्च कर चुकी हैं जो काफी पॉपुलर भी हो चुके हैं. इनमें पहले बताई गई मारुति सुज़ुकी डिज़ायर के साथ सैगमेंट की होंडा अमेज़ शामिल हैं. इसके अलावा फोर्ड ऐस्पायर, ह्यूंदैई ऐक्सेंट, टाटा टिगोर और फोक्सवेगन अमिओ भी इसी सैगमेंट के बाकी खिलाड़ी हैं. टोयोटा इटिऑस इस सैगमेंट की कार नहीं है फिर भी इसका मुकाबला इसी कैटेगिरी में होता है. बता दें कि इसी सैगमेंट में रेनॉ के अलावा और भी कंपनियां नए उत्पाद लॉन्च करने का प्लान बना रही हैं.