EXCLUSIVE रिव्यू : बेहद तेज़ रफ्तार है नई टेस्ला मॉडल 3
टेस्ला ने वैश्विक स्तर पर अपने कार लाइन-अप में एक और कार जोड़ी है जो बेशक सबसे छोटी इलैक्ट्रिक कार है और इसका नाम है मॉडल 3. पढ़ें कार का रिव्यू...
हाइलाइट्स
टेस्ला का नाम सबका ध्यान आर्षित कर रहा है, चाहे वो टेस्ला की मॉडल 3 हो, मॉडल एस हो या फिर मॉडल एक्स.. या इन कारों को बनाने वाला वो मशहूर आदमी, एलोन मस्क. भारत में भी इस ब्रांड को लेकर बहुत गहमा-गहमी है कि पूरी तरह इलैक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी भारत में कब एंट्री करेगी. 2015 में एलोन मस्क ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और देश में जल्द टेस्ला की एंट्री की बात कही थी. जहां ट्विटर पर यह सब बात सच नज़र आती है, वहीं वास्तव में कंपनी की भारत में एंट्री आस-पास कहीं नज़र नहीं आ रही है.
कार की स्टाइल और डिज़ाइन सामान्य और कॉम्पैक्ट रखी गई है
टेस्ला ने वैश्विक स्तर पर अपने कार लाइन-अप में एक और कार जोड़ी है जो बेशक सबसे छोटी इलैक्ट्रिक टेस्ला कार है और इसका नाम है मॉडल 3. कंपनी ने इस कार की ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू कर दी है और कई भारतीय ग्राहकों ने भी 1,000 डॉलर टोकन मनी के साथ इस कार को बुक किया थी. इनमें से कुछ लोगों ने बुकिंग कैन्सल करके पूरी रकम वापस ले ली है, वहीं कुछ ग्राहक अब भी कार खरीदने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. ऐसे में हम उन लोगों हो बताना चाहते हैं कि ये उम्मीद अच्छी है. हाल में हमने टेस्ला की मॉडल 3 चलाकर देखी है और आपको बता रहे हैं इस कार की वो तमाम बातें जो आप जानना चाहते हैं.
कार का पिछला हिस्सा साफ-सुथरा है
गौरतलब है कि टेस्ला एक इलैक्ट्रिक कार है, ऐसे में कार की स्टाइल और डिज़ाइन बहुत सारे गौर फरमाने वाले पुर्ज़ों से अलग सामान्य और कॉम्पैक्ट रखी गई है जिसमें ना तो कोई ग्रिल है और ना ही एयर डैम्स. कार का पिछला हिस्सा भी साफ-सुथरा है और इस कार को दूर से देखकर ही पहचाना जा सकता है. टेस्ला मॉडल 3 को भले ही कॉम्पैक्ट डिज़ाइन का बनाया गया है लेकिन इसका केबिन स्पेस उम्मीद से बहुत बेहतर है. टेस्ला मॉडल 3 के डायमेंशन की बात करें तो यह कार 4690mm लंबी होने के साथ 2880mm व्हीलबेस के साथ आती है, हाइट 1440mm है और चौड़ाई 1930mm है.
स्क्रीन लगभग आईप्रो जैसा है और आईपैड के सबसे बड़े मॉडल से भी बड़ा है
टेस्ला ने मॉडल 3 को 3 वेरिएंट्स में उपलबध कराया है जिनमें पहला कार का एंट्री लेवल मॉडल है जो सिंगल-मोटर विकल्प के साथ आता है. इसकी रेन्ज एक चार्ज में 400 किमी है. डुअल-मोटर की रेन्ज ज़्यादा है और ऑल-व्हील ड्राइव पर यह कार 500 किमी तक चलती है और महज़ 3.4 सेकंड में ही 0-100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है, इसके साथ ही कार की टॉप स्पीड 250 किमी/घंटा है. हमें इस कार के डुअल-मोटर वेरिएंट को चलाने का मौका मिला है और इसके पीछे लगे बैज से कार के मॉडल की पहचान होती है. कार को शानदार और हाईटेक केबिन से लैस किया गया है और 19-इंच के अलॉय व्हील्स पर ये कार चलती है.
कार का केबिन प्लास्टिक फिनिश में आता है
मॉडल 3 के केबिन में टेस्ला ने पिछले सभी मॉडलो से अच्छा और एडवांस केबिन दिया है. कार का डैशबोर्ड काफी साफ है और इसपर लगा बड़े आकार का स्क्रीन अपने आप में ढ़ेर सारे फीचर्स से लैस है जो सेंट्रल कंसोल को सुपर-एडवांस बनाता है. यह स्क्रीन लगभग आईप्रो जैसा है और आईपैड के सबसे बड़े मॉडल से भी बड़ा है. कार का केबिन वैसे तो प्लास्टिक फिनिश में आता है, लेकिन आप चाहें तो इसे वुड, कार्बन फाइबर कलर थीम में पा सकते हैं.
चालक स्टीयरिंग को अपने आराम के हिसाब से अडजस्ट कर सकता है
राइड क्वालिटी और हैंडलिंग के मामले में टेसला निश्चित ही ग्राहकों का दिल जीतती आई है, ऐसे में मॉडल 3 को चलाना एक रामांचित करने वाला अनुभव रहा है. इसमें चालक स्टीयरिंग को अपने आराम के हिसाब से अडजस्ट कर सकता है और इसमें तीन मोड्स दिए गए हैं. कार का टॉर्क इसे बेहद तेज़ रफ्तार देता है और इसका पावर बहुत तेज़ी में बढ़ता है. यह वाकई एक तेज़ रफ्तार कार है, अपने जर्मन काउंटरपार्ट से काफी बेहतर. इस कार को चलाने से पहले हमें भी नहीं पता था कि यह इतनी मज़ेदार कार होगी.
ये भी पढ़ें : टेस्ला 2019 में शोकेस करेगी ऑल इलैक्ट्रिक पिकअप ट्रक, मस्क ने ट्विटर पर दी जानकरी
टेस्ला मॉडल 3 में ट्रैक मोड और स्लिप-स्टार्ट मोड दिया गया है जिससे बर्फ या चिकनी जगह पर इसे आसानी ने स्टार्ट किया जा सकता है. कार के ट्रैक्शन कंट्रोल को भी इसी हिसाब से ढ़ाला जा सकता है. फिलहाल हम यह कार सिर्फ सड़क और छोटे हाईवे पर चला पाए हैं, लेकिन इतना ही यह कहने के लिए काफी है कि यह एक शानदार कार है. भारत में टेस्ला संभवतः जल्द एंट्री ले सकती है और भारत में इस कार को सुपरचार्जर की ज़रूरत भी नहीं होगी, इसे सामान्य 3-पिन चार्जर से चार्ज किया सकता है.
टेस्ला ने वैश्विक स्तर पर अपने कार लाइन-अप में एक और कार जोड़ी है जो बेशक सबसे छोटी इलैक्ट्रिक टेस्ला कार है और इसका नाम है मॉडल 3. कंपनी ने इस कार की ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू कर दी है और कई भारतीय ग्राहकों ने भी 1,000 डॉलर टोकन मनी के साथ इस कार को बुक किया थी. इनमें से कुछ लोगों ने बुकिंग कैन्सल करके पूरी रकम वापस ले ली है, वहीं कुछ ग्राहक अब भी कार खरीदने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. ऐसे में हम उन लोगों हो बताना चाहते हैं कि ये उम्मीद अच्छी है. हाल में हमने टेस्ला की मॉडल 3 चलाकर देखी है और आपको बता रहे हैं इस कार की वो तमाम बातें जो आप जानना चाहते हैं.
गौरतलब है कि टेस्ला एक इलैक्ट्रिक कार है, ऐसे में कार की स्टाइल और डिज़ाइन बहुत सारे गौर फरमाने वाले पुर्ज़ों से अलग सामान्य और कॉम्पैक्ट रखी गई है जिसमें ना तो कोई ग्रिल है और ना ही एयर डैम्स. कार का पिछला हिस्सा भी साफ-सुथरा है और इस कार को दूर से देखकर ही पहचाना जा सकता है. टेस्ला मॉडल 3 को भले ही कॉम्पैक्ट डिज़ाइन का बनाया गया है लेकिन इसका केबिन स्पेस उम्मीद से बहुत बेहतर है. टेस्ला मॉडल 3 के डायमेंशन की बात करें तो यह कार 4690mm लंबी होने के साथ 2880mm व्हीलबेस के साथ आती है, हाइट 1440mm है और चौड़ाई 1930mm है.
टेस्ला ने मॉडल 3 को 3 वेरिएंट्स में उपलबध कराया है जिनमें पहला कार का एंट्री लेवल मॉडल है जो सिंगल-मोटर विकल्प के साथ आता है. इसकी रेन्ज एक चार्ज में 400 किमी है. डुअल-मोटर की रेन्ज ज़्यादा है और ऑल-व्हील ड्राइव पर यह कार 500 किमी तक चलती है और महज़ 3.4 सेकंड में ही 0-100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है, इसके साथ ही कार की टॉप स्पीड 250 किमी/घंटा है. हमें इस कार के डुअल-मोटर वेरिएंट को चलाने का मौका मिला है और इसके पीछे लगे बैज से कार के मॉडल की पहचान होती है. कार को शानदार और हाईटेक केबिन से लैस किया गया है और 19-इंच के अलॉय व्हील्स पर ये कार चलती है.
मॉडल 3 के केबिन में टेस्ला ने पिछले सभी मॉडलो से अच्छा और एडवांस केबिन दिया है. कार का डैशबोर्ड काफी साफ है और इसपर लगा बड़े आकार का स्क्रीन अपने आप में ढ़ेर सारे फीचर्स से लैस है जो सेंट्रल कंसोल को सुपर-एडवांस बनाता है. यह स्क्रीन लगभग आईप्रो जैसा है और आईपैड के सबसे बड़े मॉडल से भी बड़ा है. कार का केबिन वैसे तो प्लास्टिक फिनिश में आता है, लेकिन आप चाहें तो इसे वुड, कार्बन फाइबर कलर थीम में पा सकते हैं.
राइड क्वालिटी और हैंडलिंग के मामले में टेसला निश्चित ही ग्राहकों का दिल जीतती आई है, ऐसे में मॉडल 3 को चलाना एक रामांचित करने वाला अनुभव रहा है. इसमें चालक स्टीयरिंग को अपने आराम के हिसाब से अडजस्ट कर सकता है और इसमें तीन मोड्स दिए गए हैं. कार का टॉर्क इसे बेहद तेज़ रफ्तार देता है और इसका पावर बहुत तेज़ी में बढ़ता है. यह वाकई एक तेज़ रफ्तार कार है, अपने जर्मन काउंटरपार्ट से काफी बेहतर. इस कार को चलाने से पहले हमें भी नहीं पता था कि यह इतनी मज़ेदार कार होगी.
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टेस्ला मॉडल 3 में ट्रैक मोड और स्लिप-स्टार्ट मोड दिया गया है जिससे बर्फ या चिकनी जगह पर इसे आसानी ने स्टार्ट किया जा सकता है. कार के ट्रैक्शन कंट्रोल को भी इसी हिसाब से ढ़ाला जा सकता है. फिलहाल हम यह कार सिर्फ सड़क और छोटे हाईवे पर चला पाए हैं, लेकिन इतना ही यह कहने के लिए काफी है कि यह एक शानदार कार है. भारत में टेस्ला संभवतः जल्द एंट्री ले सकती है और भारत में इस कार को सुपरचार्जर की ज़रूरत भी नहीं होगी, इसे सामान्य 3-पिन चार्जर से चार्ज किया सकता है.
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