इलैक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की कीमतों में हो सकती है भारी कमी, सरकार को भेजा प्रस्ताव
सरकार ने प्रस्ताव रखा है जिसमें इलैक्ट्रिक वाहनों वाली बैटरी की कीमतों में कमी की बात कही गई है. टैप कर जानें क्या है परिवहन मंत्रालय के प्रस्ताव में?
हाइलाइट्स
सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय लगातार लोगों को इलैक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए नए-नए कदम उठा रहा है. इसमें इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए हरी नंबर प्लेट, कमर्शियल इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग से पर्मिट दिए जाने, इलैक्ट्रिक स्कूटर्स के लिए 16 से 18 साल के बच्चों को लायसेंस जारी करना और इन वाहनों के लिए अलग से पार्किंग मुहैया कराई जाने की बात शामिल है. अब सरकार ने एक और प्रस्ताव रखा है जिसमें इलैक्ट्रिक वाहनों में लगाई जाने वाली बैटरी की कीमतों में कमी की बात कही गई है. फिलहाल इन बैटरीज़ पर 28 % GST लगाया जा रहा है और इस प्रस्ताव में इस दर को 12 % किए जाने की बात कही गई है जो इलैक्ट्रिक कारों पर भी 12 % है. भारत में इस वक्त टाटा मोटर्स और महिंद्रा ही इलैक्ट्रिक कारें बना रही हैं, ऐसे में इस कदम से इन कारों की कीमतों में कटौती होना तय है.
प्रस्ताव में इस दर को 12 % किए जाने की बात कही गई है
भारत सरकार के इस कदम से इलैक्ट्रिक कारों के ना सिर्फ उत्पादन और असेंबली को बढ़ावा मिलेगा, इलैक्ट्रिक कारों का सबसे अहम भाग बैटरी की कीमत में काफी कमी आएगी और यह बाकी चीज़ों को भी इलैक्ट्रिफाइ करने में सहायक होगा. इनमें अलग से लगने वाले बैटरी पर भी काफी असर पड़ेगा, साथ ही घरेलू उत्पादन भी आगे बढ़ेगा क्योंकि देश में अब भी बहुत बड़ी मात्रा में बैटरीज़ आयात की जाती हैं. भारत में इलैक्ट्रिक कारें बनाने वाले निर्माता इन कारों के लिए चीन और अमेरिका जैसे देशों से बैटरी मंगवाते हैं. इस प्रस्ताव में शायद वो कारें शामिल नहीं हैं जो भारत में पूरी तरह आयात होती हैं. इसका मतलब हुआ फिलहाल भारत में कोई भी कार ब्रांड ऐसा नहीं है जो इलैक्ट्रिक कारों को पूरी तरह आयात करके बेचती है.
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भारत में इस वक्त टाटा मोटर्स और महिंद्रा ही इलैक्ट्रिक कारें बना रही हैं
इलैक्ट्रिक वाहनों में सबसे महंगा पुर्ज़ा बैटरी ही होती है और इनकी कीमत 1 डॉलर/किलो व्हाट के हिसाब से तय की जाती है. 2018 में इलैक्ट्रिक कार बैटरी की प्रति किलो व्हाट कीमत 225-250 डॉलर है. 2010 में यह कीमत 1000 डॉलर प्रति किलो व्हाट थी जो अब काफी कम हो चुकी है और अनुमान लगाया जा रहा है कि 2026 तक कीमत का यह आंकड़ा 100 डॉलर से भी नीचे आ जाएगा. आने वाले इसी समय तक इलैक्ट्रिक कारों की कीमतों में भी भारी गिरावट दर्ज किए जाने का अनुमान है.
भारत सरकार के इस कदम से इलैक्ट्रिक कारों के ना सिर्फ उत्पादन और असेंबली को बढ़ावा मिलेगा, इलैक्ट्रिक कारों का सबसे अहम भाग बैटरी की कीमत में काफी कमी आएगी और यह बाकी चीज़ों को भी इलैक्ट्रिफाइ करने में सहायक होगा. इनमें अलग से लगने वाले बैटरी पर भी काफी असर पड़ेगा, साथ ही घरेलू उत्पादन भी आगे बढ़ेगा क्योंकि देश में अब भी बहुत बड़ी मात्रा में बैटरीज़ आयात की जाती हैं. भारत में इलैक्ट्रिक कारें बनाने वाले निर्माता इन कारों के लिए चीन और अमेरिका जैसे देशों से बैटरी मंगवाते हैं. इस प्रस्ताव में शायद वो कारें शामिल नहीं हैं जो भारत में पूरी तरह आयात होती हैं. इसका मतलब हुआ फिलहाल भारत में कोई भी कार ब्रांड ऐसा नहीं है जो इलैक्ट्रिक कारों को पूरी तरह आयात करके बेचती है.
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इलैक्ट्रिक वाहनों में सबसे महंगा पुर्ज़ा बैटरी ही होती है और इनकी कीमत 1 डॉलर/किलो व्हाट के हिसाब से तय की जाती है. 2018 में इलैक्ट्रिक कार बैटरी की प्रति किलो व्हाट कीमत 225-250 डॉलर है. 2010 में यह कीमत 1000 डॉलर प्रति किलो व्हाट थी जो अब काफी कम हो चुकी है और अनुमान लगाया जा रहा है कि 2026 तक कीमत का यह आंकड़ा 100 डॉलर से भी नीचे आ जाएगा. आने वाले इसी समय तक इलैक्ट्रिक कारों की कीमतों में भी भारी गिरावट दर्ज किए जाने का अनुमान है.
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