इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में तेज़ी लाने के लिए बनेगा सस्ता चार्जिंग ढांचा
हाइलाइट्स
इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत में शहरों, कस्बों और गांवों को जल्द ही कम लागत वाले चार्ज प्वाइंट्स लगाए जाएंगे. सरकार ने कहा है कि आने वाले दिनों में जारी होने वाले भारतीय मानक से बिजली से चलने वाले वाहनों के लिए चार्जिंग बुनियादी ढांचे को तेजी से बढ़ाने की अनुमति होगी, जिसकी देश में बहुत आवश्यकता है. ये मानक औपचारिक रूप से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा जारी किए जाएंगे. विज्ञान और तकनीकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय ने नीति आयोग की टीम के साथ इस चुनौती को अपने हाथों में लिया था.
नए मानक औपचारिक रूप से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा जारी किए जाएंगे.
समूह ने सस्ती ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे में सफलता के लिए, स्मार्टफोन के साथ चलने वाले स्मार्ट ऐसी चार्ज पॉइंट के लिए रु 3500 (50 डॉलर) से कम का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया था. ई-स्कूटर और ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए कम कीमत वाले इन ऐसी चार्ज पॉइंट (एलएसी) से 3 किलोवाट तक की बैटरी की चार्जिंग की जा सकती है. स्मार्टफोन का उपयोग कई खातों और भुगतान विकल्पों के लिए किया जा सकता है.
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कई भारतीय निर्माता पहले से ही इस चार्ज प्वाइंट डिवाइस को भारतीय मानकों के अनुसार बनाने के लिए काम कर रहे हैं. एलएसी डिवाइस को किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है जहां एक 220 वोल्ट, 15 एम्पियर की सिंगल फेज लाइन उपलब्ध हो. इन चार्जिंग प्वाइंट्स को मुख्य रूप से मेट्रो और रेलवे स्टेशनों, शॉपिंग मॉल, अस्पतालों, कार्यालय परिसरों, अपार्टमेंट के पार्किंग स्थल और यहां तक कि किराना और अन्य दुकानों पर स्थापित करने का लक्ष्य है.