भारत में बनी पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार का ट्रायल सफल हुआ
हाइलाइट्स
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) और KPIT ने भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल (HFC) कार का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. प्रोटोटाइप पुणे में सीएसआईआर-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में एक स्वदेशी रूप से विकसित प्यूल सेल स्टैक पर किया गया. सीएसआईआर ने एक 10 kWe मोटर वाहन ग्रेड LT-PEMFC फ्यूल सेल स्टैक बनाया है. यह एक कम तापमान प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (पीईएम) टाइप फ्यूल सेल का उपयोग करता है जो 65-75 डिग्री पर काम करता है, जो वाहनों के चलाने के लिए सही है.
परीक्षण इलेक्ट्रिक महिंद्रा ई-वेरिटो सेडान पर किए गए थे.
पीईएम फ्यूल सेल तकनीक के पावरट्रेन में मेम्ब्रेन इलेक्ट्रोड असेंबली शामिल है. KPIT की विशेषज्ञता स्टैक इंजीनियरिंग में है जिसमें लाइट-वेट मेटल बाइपोलर प्लेट और गैसकेट डिजाइन, प्लांट के संतुलन का विकास (BoP), सिस्टम इंटिग्रेशन, नियंत्रण सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रिक पावरट्रेन शामिल हैं और यह सब फ्यूल सेल वाहन के चलाने में मदद करते हैं. फ्यूल सेल स्टैक काफी पतली मेटल प्लेटों का उपयोग करता है, इस प्रकार स्टैक वज़न को लगभग दो तिहाई कम कर देता है.
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फ्यूल सेल वाहन एक टाइप III कमर्शियल हाइड्रोजन टैंक से लैस है. इसकी क्षमता लगभग 350 किमी दबाव पर लगभग 1.75 किलोग्राम हाइड्रोजन की है, जो लगभग 60-65 किमी प्रति घंटे की गति पर कार को 250 किलोमीटर तक चला देगा. पूरे फ्यूल सेल स्टैक और पावर ट्रेन के साथ जुड़े पार्टस को आम 5-सीटों वाली सेडान कार में रेट्रो-फिट किया गया था. परीक्षण एक बैटरी-इलेक्ट्रिक यात्री कार (महिंद्रा ई-वेरिटो) पर चलाए गए थे और इसे फ्यूल सेल स्टैक के साथ हटा दिया गया था.