देश में खाद्य तेल आधारित बायोडीज़ल की पहली सप्लाय को हरी झंडी दिखाई गई
हाइलाइट्स
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली में इंडियन ऑयल के टिकरीकलां टर्मिनल से आईओआई योजना के तहत यूको (प्रयुक्त खाद्य तेल) आधारित बायोडीज़ल मिश्रित डीज़ल की पहली स्पलाय को हरी झंडी दिखाई है. इस कदम से खाद्य तेल को बायोडीज़ल में बदलने वाले अवसरों को पैदा करने के लिए एक इको-सिस्टम बनाने की पहल की गई है. सरकार ने इस ख़ास मौके को एक मील का पत्थर बताया है, जिसका पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
सरकार के मुताबिक इस शुरुआत के साथ बायो ऊर्जा का एक नया युग शुरू हुआ है, जो भारतीय पेट्रोलियम क्षेत्र में क्रांति लाएगा.
इस पहल के तहत, तेल कंपनियां पांच साल के लिए समय-समय पर मूल्य की गारंटी देते हैं और संभावित उद्यमियों को दस साल के लिए ऑफ-टेक गारंटी देती हैं. अब तक, इंडियन ऑयल ने 22.95 करोड़ लीटर की कुल क्षमता वाले बायोडीजल प्लंट्स के लिए 23 एलओआई जारी किए है. इस पहल के तहत, इंडियन ऑयल को दिल्ली स्थित अपने टर्मिनल में 31 मार्च, 2021 तक 51 किलोलीटर युको-बायोडीजल मिला है. इंडियन ऑयल ने उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में आठ बायोडीज़ल प्लांट्स का निर्माण शुरू किया है.
यह भी पढ़ें: सरे दिन लगातार बढ़ीं पेट्रोल, डीज़ल की कीमतें
बायोडीज़ल एक वैकल्पिक ईंधन है, जो पारंपरिक डीज़ल की तरह है. यह वनस्पति तेलों, पशु वसा, चरबी और बचे हुए खाद्य तेल से बनाया जाता है. बायोडीज़ल का एक विशिष्ट लाभ इसका कार्बन न्यूट्रल होना है. ऑयलसीड कार्बन डायऑक्साइड की उतनी ही मात्रा को लेती हैं, जितना ईंधन का जलने पर निकलता है. इसके अलावा बायोडीज़ल तेज़ी से बायो-डीग्रेडेबल होने के साछ-साथ पूरी तरह गैर-जहरीला है. सरकार के मुताबिक इस शुरुआत के साथ बायो ऊर्जा का एक नया युग शुरू हुआ है, जो भारतीय पेट्रोलियम क्षेत्र में क्रांति लाएगा.