अब लग्ज़री कार और SUV खरीदना पड़ेगा और भी महंगा, 15% से बढ़कर 25% हुआ सैस
यूनियन कैबिनेट ने आखिरकार लग्ज़री कारों और SUV पर सैस बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगा दी है. अब लग्ज़री कारों और SUV पर ग्राहकों को 15 की जगह 25 % सैस चुकाना होगा. मसलन 10 लाख रुपए की कार पर जहां 1.5 लाख रुपए टैक्स लगता था, अब वह बढ़कर 2.5 लाख रुपए तक पहुंच गया है. जानें किनकी जेब होगी ढीली?
हाइलाइट्स
- लग्ज़री और SUV पर अब 15 की जगह 25% सैस वसूल किया जाएगा
- सरकार अब प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाने इसे राष्ट्रपति के पास भेजेगी
- 9 सितंबर को जीएसटी कउंसिल इसका फॉर्मल नोटिफिकेशन भेजने वाली है
यूनियन कैबिनेट ने बुधवार को लग्ज़री कारों और SUV पर सैस बढ़ाने के सुझाव को मुजूरी दे दी है. अब महंगी कारों पर 15 की जगह 25% सैस लगेगा. अब सरकार इस टैक्स को लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी लेने वाली है. एक कार प्रेसिडेंट की इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइस एंड कस्टम विभाग नोटिफिकेशन के जरिए सैस में बढ़ोतरी की जानकारी देगा. गौरतलब है कि 1 जुलाई से लागू हुए जीएसटी के बाद लगभग सभी SUV’s की कीमतें 1.1 लाख से लेकर 3 लाख रुपए तक कम हुई थीं. एक बार कानून में बदलाव हो जाने के बाद जीएसटी काउंसिल तारीख तय करेगी जब से सैस लागू किया जाना है.
एक अधिकारी ने बताया कि 9 सितंबर को हैदराबाद में इसे लेकर अगली मीटिंग होने वाली है. इस मीटिंग में ही फैसला लिया जाएगा कि कब से बढ़े हुए सैस को लागू किया जाए. कुल मिलाकर कहें तो जीएसटी से सस्ती हुई लग्ज़री कारें और SUV फिर से महंगी होने वाली है. 15% से बढ़कर 25% हुआ सैस इस सैगमेंट के कार ग्राहकों के लिए अच्छी खबर नहीं है. मसलन 10 लाख रुपए की कार पर जहां 1.5 लाख रुपए टैक्स लगता था, अब वह बढ़कर 2.5 लाख रुपए तक पहुंच गया है. ऐसे में महंगी लग्ज़री कारों और SUV पर यह टैक्स और भी बढ़कर लगेगा जिससे ग्रहकों को अब अपनी जेब और ढ़ीली करनी होगी.
जीएसटी लागू होने के बाद भारत में कारों पर लगने वाला टैक्स अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से तय किया गया था. फिलहाल बड़ी कारों पर, SUV, मिड सैगमेंट कारें, बड़ी कारें, हाईब्रिड कारें और हाईब्रिड वाहनों पर 15% सैस लगाया जा रहा है. छोटी पेट्रोल कारें जो 4-मीटर के अंदर आती हैं और 1200 सीसी की है, उनपर 1% सैस लगाया जा रहा है. छोटी डीजल कारें जो सब-4 मीटर वाली हैं और जिनका इंजन 1500 सीसी तक का है, उनपर 3% सैस लगाया जा रहा है. बता दें कि छोटी कारों के दाम एडिशनल सैस लगने से प्रभावित नहीं होंगे. बड़ी और लग्ज़री कारों के दामों में बढ़ोतरी होना तय है.
एक अधिकारी ने बताया कि 9 सितंबर को हैदराबाद में इसे लेकर अगली मीटिंग होने वाली है. इस मीटिंग में ही फैसला लिया जाएगा कि कब से बढ़े हुए सैस को लागू किया जाए. कुल मिलाकर कहें तो जीएसटी से सस्ती हुई लग्ज़री कारें और SUV फिर से महंगी होने वाली है. 15% से बढ़कर 25% हुआ सैस इस सैगमेंट के कार ग्राहकों के लिए अच्छी खबर नहीं है. मसलन 10 लाख रुपए की कार पर जहां 1.5 लाख रुपए टैक्स लगता था, अब वह बढ़कर 2.5 लाख रुपए तक पहुंच गया है. ऐसे में महंगी लग्ज़री कारों और SUV पर यह टैक्स और भी बढ़कर लगेगा जिससे ग्रहकों को अब अपनी जेब और ढ़ीली करनी होगी.
जीएसटी लागू होने के बाद भारत में कारों पर लगने वाला टैक्स अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से तय किया गया था. फिलहाल बड़ी कारों पर, SUV, मिड सैगमेंट कारें, बड़ी कारें, हाईब्रिड कारें और हाईब्रिड वाहनों पर 15% सैस लगाया जा रहा है. छोटी पेट्रोल कारें जो 4-मीटर के अंदर आती हैं और 1200 सीसी की है, उनपर 1% सैस लगाया जा रहा है. छोटी डीजल कारें जो सब-4 मीटर वाली हैं और जिनका इंजन 1500 सीसी तक का है, उनपर 3% सैस लगाया जा रहा है. बता दें कि छोटी कारों के दाम एडिशनल सैस लगने से प्रभावित नहीं होंगे. बड़ी और लग्ज़री कारों के दामों में बढ़ोतरी होना तय है.
Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.