2020 फोक्सवैगन वेंटो 1.0 TSI रिव्यूः टर्बो इंजन के बावजूद मुकाबले में पिछड़ी
हाइलाइट्स
दस साल! जी हां, फोक्सवैगन इंडिया को भारत में वेंटो कॉम्पैक्ट सेडान लॉन्च किए 10 साल हो चुके हैं. हालांकि अगर आप कार के ताज़ा मॉडल को देखेंगे जो ये वैसा ही है जैसा 10 साल पहले हुआ करता था. यहां तक कि कई सारे कॉस्मैटिक बदलावों और हर दो या तीन साल में दिए गए आधुनिक फीचर्स को हटा दें, तो अबतक कंपनी ने भारत में कार को कोई बड़ा अपडेट नहीं दिया है. और यही हाल इसकी बहन फोक्सवैगन पोलो और चैक गणराज्य से इसकी मौसेरी बहन स्कोडा रैपिड का भी है. पहले से इन तीनों कारों में काफी समानतएं हैं और अब इन्हें एक जैसा 1.0-लीटर टीएसआई टर्बो पेट्रोल इंजन भी दे दिया गया है. हमने पहले बाकी दोनों कारों को चलाकर देख चुके हैं और आपको इनके बारे में सभी जानकारी दी थी. तो अब देखना ये है कि वेंटो में नया कम ताकत वाला ये टर्बोचार्ज्ड इंजन क्या कमाल करता है.
इंजन
तो, परफॉर्मेंस के नज़रिये से ये कार कैसी है, इसकी जानकारी देने से पहले हम इसके सभी तथ्य और आंकड़ों की जानकारी आपको दे रहे हैं, और इसकी शुरुआत हम कार की सबसे महत्वपूर्ण चीज़ से करेंगे. नया 999 सीसी का तीन-सिलेंडर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन जिसे 2018 में सबसे अच्छे इंजन का अवॉर्ड मिल चुका है. ये इंजन 5,000 से 5,500 आरपीएम पर 108 बीएचपी पावर और 1,750 से 4,000 आरपीएम पर 175 एनएम पीक टॉर्क पैदा करने की क्षमता रखता है. फिलहाल के लिए ये इंजन नए 6-स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स के साथ आया है और अभी यही विकल्प मुहैया कराया गया है. हालांकि फोक्सवैगन ने ऐलान किया है कि इस साल के अंत तक भारत में नया 6-स्पीड ऑटोमैटिक टॉर्क कन्वर्टर ट्रांसमिशन लॉन्च किया जाएगा.
एक्सटीरियर
पिछले साल सितंबर में ही फोक्सवैगन वोंटो को फेसलिफ्ट दिया गया था और तब से अब तक कार स्टाइल और डिज़ाइन के मामले में कार बिल्कुल नहीं बदली है. इसमें सबसे अच्छा बदलाव कार के चेहरे पर किया गया था, इसमें जीटीआई से प्रेरित हनीकॉम्ब पैटर्न की मेश ग्रिल लगाई गई है जिसके बीच में फोक्सवैगन का लोगो और उसके ठीक नीचे क्रोम की एक सामान्य सी पट्टी लगाई गई थी. ये ग्रिल ट्विन-पॉड एलईडी हैडलाइट्स के साथ इंटीग्रेटेड डेटाइम रनिंग लैंप्स से घिरी हुई है जिसे पोलो के साथ पेश नहीं किया गया है. कार के अगले बंपर में भी बदलाव हुआ है जो चौड़े एयरडैम से मेल खाती हनीकॉम्ब पैटर्न ग्रिल के साथ आड़े लगे फॉगलैंप्स और दोनों ओर कॉर्नरिंग लाइट के साथ आया है. कुल मिलाकर ये सारा सेटअप वेंटो को प्री-फेसलिफ्ट मॉडल के मुकाबले स्पोर्टी बनाता है.
कार की प्रोफाइल में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यहां तक कि नई वेंटो पहले जैसे 16-इंच पोर्टागो 10-स्पोक ग्रे अलॉय व्हील्स के साथ लॉन्च की गई है. हम अभी जिस मॉडल को चलाकर देखा है वो भी साइड में हनीकॉम्ब पैटर्न के ग्राफिक्स और टीएसआई पावर टैग के साथ दिखाई दिया है, हालांकि मुझे ये कुछ खास पसंद नहीं आए और खुश इसीलिए हूं, कि ये सामान्य रूप से कार के साथ मुहैया नहीं कराए गए हैं. लेकिन आपको साइड स्कर्ट्स मिलेंगे वो भी स्मोक्ड एलईडी टेललैंप्स के साथ और पिछले स्पोर्टी बंपर के साथ क्रोम टिप वाले एग्ज़्हॉस्ट और काले रंग की अंडारबॉडी क्लैडिंग मिलने वाली है जो ज़्यादा हनीकॉम्ब पैटर्न डिज़ाइन वाली है.
इंटीरियर
वेंटो के अंदर घुसते ही आपका स्वागत पहले जैसे बेज और ब्लैक डुअल-टोन केबिन में होगा. केबिन की बिल्ट क्वालिटी को लेकर शिकायत करने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं है, यहां तक कि वेंटों में हमेशा इस श्रेणी का बेहतरीन फिट और फिनिश दिया गया है. हालांकि स्टाइल और डिज़ाइन पर कुछ भी कहने के लिए ये कार पुरानी है. खासतौर पर तब, जब हम इसकी तुलना नई होंडा सिटी या 2020 ह्यून्दे वर्ना से करते हैं, ये कारें काफी आधुनिक और आरामदायक हैं जिनमें वेंटिलेटेड सीट्स, वायरलेस चार्जिंग और सनरूफ दी गई हैं. वेंटो में जो नई चीज़ दी गई है वो फ्लैट बॉटम स्टीयरिंग व्हील है और सभी वेरिएंट्स में सामान्य रूप से पेश की गई है. नए मॉडल के साथ इंफोटेनमेंट सिस्टम और इसपर लगी कई सारी बटनों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन सिस्टम में बदलाव किया गया है और अब ये एप्पल कारप्ले, एंड्रॉइड ऑटो और मिररलिंक सपोर्ट करता है.
आपको कार के इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ पहले जैसा यूएसबी पोर्ट मिलेगा जो स्कोडा रैपिड में नहीं दिया गया था, या तो इसे ग्लवबॉक्स के अंदर छुपाकर रखा गया था. इसका मतलब है कि वेंटो के साथ कुछ सामान्य फीचर्स नहीं दिए गए हैं जिनमें इंजन स्टार्ट-स्टॉप बटन और अपका फोन रखने के लिए कोई सुरक्षित जगह शामिल हैं. हालांकि आपको वेंटो में आरामदायक सीट्स, फॉ लैदर अपहोल्स्ट्री, क्रूज़ कंट्रोल, रियर एसी वेंट्स, सेंट्रल आर्मरेस्ट जिसे फोल्ड किया जा सकता है और अगले के साथ पिछले यात्रियों के लिए 12 वोल्ट का पावर सॉकेट दिए गए हैं. सुरक्षा की बात करें तो नई वेंटो के टॉप मॉडल में 4 एयरबैग्स, एबीएस के साथ ईबीडी, रेन सेंसिंग वाइपर्स, ऑटो रियर व्यू मिरर और पिछले हिस्से के लिए पार्किंग सेंसर्स के साथ रियर व्यू कैमरा दिया गया है.
चलने में कैसी है कार?
अबतक हमने आपको बताया कि 2020 फोक्सवैगन वेंटो के साथ क्या मिला और क्या नहीं मिला, अब हम आपको बताते हैं कि ये कार चलने में कैसी है. हमने आपको पहले ही बताया कि नई कार के साथ 1.0-लीटर टर्बोचार्ज्ड टीएसआई पेट्रोल इंजन दिया गया है जो स्कोडा रैपिड और पोलो में दिया गया है, और सही कहूं तो परफॉर्मेंस के मामले में ये कार बिल्कुल नहीं बदली है. तीन पॉट मोटर होने के चलते इस कार का प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं है जितना इसके 4-सिलेंडर पेट्रोल इंजन वाले पुराने वर्ज़न का था, लेकिन इसे कुछ देर चलाने के बाद आप इस फर्क को भूल जाएंगे. हालांकि सबसे ज़्यादा आपका ध्यान खींचने वाली बात इसका टर्बो लैग है जो कम रेव पर और बंपर टू बंपर ट्रैफिक में आपको ज़्यादा महसूस होगा. इसकी इकलौती वजह ये हो सकती है कि कार को अबतक सिर्फ मैन्युअल गियरबॉक्स के साथ लॉन्च किया गया है.
बता दें कि 2,500 आरपीएम के नज़दीक पहुंचने ही ये टर्बो इंजन अपना असली रंग दिखाना शुरू करता है और आपको बिल्कुल नया अनुभव देने लगता है. ये इंजन आपको 0-100 किमी की रफ्तार पर बहुत तेज़ी से पहुंचा देता है और इसके टॉर्क की क्षमता ज़्यादा होने के चलते ये कम रेव बैंड में भी बेहतर प्रदर्शन करता है. ये भी सही है कि रेड लाइन पर पहुंचने के पहले ही इंजन काफी स्मूद हो जाता है और इस रफ्तार पर पहुंचने में बहुत कम मेहनत लगती है. कार के साथ पहले दिए जा रहे 5-स्पीड गियरबॉक्स की जगह अब 6-स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है जो इस कार के लिए बहुत अच्छी बात है. गियर को बिल्कुल सही जगह पर लगाया गया है, इसे बदलना काफी आसान है और इसका अनुपात बहुत सही तरीके से सेट किए गए हैं जिससे दमदार मिड-रेन्ज मिलती है जहां वेंटो का 1.0 टीएसआई इंजन अपनी ताकत दिखाता है.
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राइड और हैंडलिंग के लिए हमेशा से वेंटो सराही जाती रही है और इस मॉडल के साथ भी ऐसा ही हुआ है. अर्गोनामिक्स से शुरू करें तो कार की फ्लैट बॉटम स्टीयरिंग व्हील तगड़ी ग्रिप उपलब्ध कराती है जो टिल्ट और टेलिस्कोप दोनों तरह से अडजस्ट की जा सकती है. इसके साथ सटीक और मजबूत सीट्स दी गई हैं जिससे आपको ड्राइविंग के लिए बिल्कुल सही जगह पर बैठाती है. तज़ रफ्तार में भी कार स्थिर और सड़क पर जमी रहती है और इसका स्टीयरिंग भी बहुत आसानी से काम करता है जो आपके आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है चाहे सीधे कार चलानी हो या उसे मोड़ना हो. सस्पेंशन को थोड़ा सख़्ती से ट्यून किया गया है, लेकिन कम रफ्तार पर सड़कों के उतार-चढ़ाव को ये आसानी से झेल लेते हैं और परफॉर्मेंस और ड्राइविंग कम्फर्ट के बीच बेहतर तालमेल बनाते हैं.
कीमत
फोक्सवैगन वेंटो की भारत में शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत रु 8.86 है जो टॉप मॉडल के लिए रु 11.99 तक जाती है और तब, जहां कार को सिर्फ मैन्युअल विकल्प में ही उपलब्ध कराया गया है. हालांकि फोक्सवैगन ने इसके ऑटोमैटिक वेरिएंट की भारत में एक्स-शोरूम कीमतों का ऐलान कर दिया है जो रु 12.09 लाख से शुरू होकर रु 13.29 लाख तक जाती है. ऐसे में जहां आप वेंटो के मैन्युअल गियरबॉक्स वाले बेस वेरिएंट की कीमत की तुलना करें तो स्कोडा रैपिड से ये रु 1.37 लाख ज़्यादा है जो इस वक्त भारतीय बाज़ार में सबसे किफायती कॉम्पैक्ट सेडान बनी हुई है. हालांकि नई ह्यून्दे वर्ना भी 1.0-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन के साथ आती है जो टॉप मॉडल हाईलाइन प्लस में पेश किया गया है, इसकी तुलना में वेंटो रु 2 लाख सस्ती है.
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फैसला
फोक्सवैगन भारतीय बाज़ार में मौजूद कुछ कंपनियों में एक है जिसने डीजल इंजन से नाता तोड़ लिया है और अब सिर्फ पेट्रोल इंजन पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं. जहां हमें वाकई 1.0-लीटर टीएसआई इंजन काफी पसंद आया है, वहीं इस बात से मुंह भी नहीं फेस सकते कि, वेंटो इस सैगमेंट का सबसे किफायती विकल्प नहीं है और ये कार होंडा सिटी और ह्यून्दे वर्ना के मुकाबले लुक, फीचर्स और आराम के मामले में कम पड़ती है.
लेकिन वेटो के साथ जो सकारात्मक पहलू है वो इसका दमदार टर्बो पेट्रोल इंजन, पर्याप्त फीचर्स, दमदार निर्माण और शानदार ड्राइविंग अनुभव है. यकीन मानिए कि उस पार ग्राहकों के लिए पर्याप्त है और यही वजह है कि इन मामूली बदलावों के बाद भी इतने सालों से वेंटो बाज़ार में बनी हुई है. लेकिन सवाल ये है कि फोक्सवैगन वेंटो कबतक इसी तरह से जमी रह पाएगी? शायद तबतक, जबतक कंपनी भारतीय बाज़ार के लिए तैयार किए गए एमक्यूबी-एओ-इन प्लैटफॉर्म पर बनी नई जनरेशन कॉम्पैक्ट सेडान भारत में लॉन्च नहीं करती.