नई होंडा सिटी के मुकाबले अपडेटेड ह्यून्दे वर्नाः एक्सक्लूसिव तुलनात्मक रिव्यू
हाइलाइट्स
सातवीं जनरेशन होंडा सिटी बाज़ार में आने वाली है और अगले कुछ दिनों में कार का आधिकारिक लॉन्च और कीमतों की जानकरी सामने आने वाली है. लेकिन जब भी बाजार में किसी कार की नई जनरेशन पेश की जाती है तो सबसे पहले उससे मुकबला करने वाली कारों का ध्यान आता है. नई होंडा सिटी की बात करें तो इस सैगमेंट में कारों के बीच तगड़ा मुकाबला है और होंडा सिटी सभी कारों के लिए लंबे समय से बेंचमार्क बनाती आ रही है, ऐसे में ये मुकाबला देखना और भी ज़्यादा दिलचस्प होगा. लेकिन फिलहाल की और आखिरी जनरेशन ह्यून्दे वर्ना अब धीरे-धीरे बाज़ार से हटती जा रही है और ये कार सैगमेंट की विजेता कारों में एक है. हमने कई सारे शूट किए हैं जिनमें से सभी शूट्स में ह्यून्दे वर्ना ने वेंटो, सिआज़ और सिटी को पछाड़ा है. लेकिन क्या अब ये स्थिति बदलने वाली है?
आप अब भी सोच रहे होंगे कि इस मुकाबले में नई 1.0 टीएसआई फोक्सवैगन वेंटो स्कोडा रैपिड को शामिल क्यों नहीं किया गया, इसके अलावा मारुति सुज़ुकी सिआज़ और टोयोटा यारिस भी इसमें शामिल नहीं हैं - लेकिन क्या अपने यहां एक पैटर्न देखा? ये सभी सेडान अब सिर्फ पेट्रोल इंजन के साथ लॉन्च की गई हैं, वहीं सेडान सैगमेंट में सिर्फ सिटी और वर्ना ही बची हैं जिन्हें डीजल इंजन के साथ भी लॉन्च किया गया है. ह्यून्दे वर्ना को ताज़गी देने के साथ फसलिफ्ट अपडेट भी दिया गया है जिसे हमने चलाकर देखा है. हम आपको पहले ही ये जानकारी दे चुके हैं कि इस कार के साथ क्या नया मिला है और इसकी बहुत बड़े आकार की ग्रिल के अलावा भी कार में बहुत कुछ अहम बातें हैं. कार में अपको जो ब्लैक फिनिश वाली ग्रिल दिख रही है वो इसीलिए, क्योंकि ये 1.0-लीटर टर्बो जीडीआई मॉडल है, जी हां, ह्यून्दे वर्ना को अब तीसरे इंजन विकल्प में पेश किया गया है और इन तीनों इंजन विकल्पों के साथ कंपनी ने ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन उपलब्ध कराया है.
डिज़ाइन
होंडा सिटी अब आकार में बड़ी हो गई है जो स्वाभाविक रूप से दिखने में भी दमदार है. वर्ना स्पोर्टी दिखने की कोशिश कर रही है क्योंकि अब कार का टर्बो वेरिएंट भी पेश किया गया है जिसे हमने चलाकर देखा है. ये रेन्ज टॉप वेरिएंट है जो आप हम चलाकर देखा है. ये ग्रिल बिल्कुल एक तरफा है, या तो आपको बहुत पसंद आएगी या जो आप इसे नापसंद करेंगे. ये बहुत ही असामान्य है जिसे साफ करना बहुत बड़ी चुनौतियों में गिना जा सकता है. दूसरी तरफ सिटी की ग्रिल बहुत सरल है, इसके बवजूद ये ग्रिल कार को मॉडर्न लुक देती है.
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कार के अगले हिस्से में क्रोम का काफी इस्तेमाल किया गया है जो भारतीय ग्राहकों को काफी पसंद आएगा, ऐसे में सिटी की डिज़ाइन हर तरह से बेहतर है जिसे सबसे ज़्यादा पसंद किया जाने वाला है. लेकिन ये बात भी सही है कि कार में कुछ ज़्यादा ही क्रोम उपयोग में लाया गया है. लेकिन मेरे हिसाब से बिना टर्बो इंजन वाली वर्ना पर भी क्रोम का काफी काम किया गया है और ये काम पूरी कार में नज़र आता है ना कि सिर्फ एक जगह पर. सिटी के अगले और पिछले हिस्से में एलईडी लाइट्स लगाए गए हैं जो इसे मॉडर्न लुक देते हैं और कार का अनुपात इसे बड़ा दिखाता है और यही बात हमने भी जानी है.
केबिन
सिटी का शानदार केबिन अब ज़्यादा जगह के साथ आता है और ये जगह वाकई मायने रखती है. ये खासतौर पर कार के पिछली सीट्स पर समझ आता है जहां आपको ज़्यादा लैगरूम, आरामदायक सीट्स बेहतर हेडरूम मिलता है. ये बात समझ में नहीं आई कि ह्यून्दे ने क्यूं नई वर्ना को इलांट्रा के प्लैटफॉर्म पर बनाने के बावजूद इसके पिछले हिस्से को अधिक जगह वाला नहीं बनाया है.
जिन दोनों कारों को हमने चलाकर देखा वो टॉप मॉडल हैं इसीलिए इनके केबिन में फॉ लैदर की बहुतायत है. सिटी के साथ जहां हल्के बेज वाला पैलेट दिया गया है, वहीं वर्ना को दो टोन बेज और ब्लैक में फिनिश किया गया है. ये स्पोर्टी ऑल ब्लैक ट्रीटमेंट सिर्फ टर्बो वेरिएंट में उपलब्ध कराया गया है. ब्लैक लैदर के साथ लाल सिलाई इसके केबिन को बहुत आकर्षक बनाती है, लेकिन कुल मिलाकर सिटी ज़्यादा महंगी दिखाई पड़ती है. सिटी का डैशबोर्ड कम जगह घेरता है जिससे आगे बैठने वालों को घुटनों के लिए पर्याप्त जगह मिलती है. दोनों कारों की स्टीयरिंग व्हील में टिल्ट और टेलिस्कोपिक अडजस्टमेंट दिया गया है जो कार के महंगे वेरिएंट्स के साथ मिलेगी.
फीचर लिस्ट
होंडा लगातार सिटी में नए-नए उपकरण जोड़ती जा रही है. नई जनरेशन सिटी के साथ अब जाकर बड़े आकार का टचस्क्रीन, डिजिटल इंस्ट्रुमेंट क्लस्टर और कार के लिए कई सारे कनेक्टेड फीचर्स दिए गए हैं. कार के साथ जी-फोर्स डिस्प्ले भी दिया गया है. ह्यून्दे ने वर्ना के साथ ब्लू लिंक तकनीक दी है जिसके साथ वेंटिलेटेड सीट्स, कूल्ड ग्लव बॉक्स, वायरलेस फोन चार्जिंग, रियर यूएसबी चार्जिंग पॉइंट और स्मार्ट ट्रंक विकल्पों जैसे कई आधुनिक फीचर्स पेश किए हैं. होंडा सिटी में इनमें से कोई फीचर उपलब्ध नहीं कराया गया है. लेकिन सिटी में भारत का पहला अमेज़ॉन ऐलेक्सा ऐक्सेस दिया गया है.
वर्ना के साथ भी 8-इंच टचस्क्रीन दिया गया है. दोनों कारों में एप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो, दोनों के साथ सामान्य रूप से डुअल एसयरबैग्स, और टॉप मॉडल के साथ 6 एयरबैग्स दिए गए हैं, इसके अलावा दोनों कारों के साथ टायर प्रेशर मॉनिटरिंग, आईसोफिक्स चाइल्ड सीट माउंट, और जहां वर्ना के टॉप मॉडल में अगले पार्किंग सेसर्स दिए गए हैं, वहीं सिटी के साथ लेन वॉच कैमरा व्यू दिया गया है जो बाईं ओर के ब्लाइंड स्पॉट्स को कवर करता है. कार में मिडिल पैसेंजर सीट के लिए 3 पॉइंट सीटबेल्ट दिया गया है जो सराहीनय बात है.
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दोनों कारों के टॉप मॉडल में सनरूफ, कीलेस एंट्री, स्टार्ट/स्टॉप बटन, क्लाइमेट कंट्रोल, स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल्स और ऐसे ही कई फीचर्स दिए गए हैं. लेकिन उपकरण के मामल में वर्ना आपको ज़्यादा भाएगी. ऐसे में फीचर्स की बात करें तो कोई दोराय नहीं है कि ह्यून्दे आपको ज़्यादा पसंद आएगी. हालांकि आराम और जगह के मामले में होंडा सिटी को काफी बढ़त मिलती है. लेकिन चलने में कौन सी कार ड्राइवर को पसंद आएगी? स्वाभाविक रूप से जिस कार में बाकियों से ज़्यादा हमें दिलचस्पी होगी, तो आइये जानते हैं इस बारे में.
पावरट्रेन विकल्प
याद रहे कि हम यहां दोनों कारों के पेट्रोल टॉप वेरिएंट्स की तुलना कर रहे हैं. जहां दोनों कारों के साथ 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन दिया गया है, वहीं वर्ना में 1.0-लीटर टर्बो जीडीआई इंजन मिला है. सिटी के इंजन को अब आईवीटेक से अपडेट किया गया है जो अब डुअल ओवरहेड कैमशाफ्ट के साथ आता है जिससे इसकी मिड रेन्ज उन्न्त हुई है. जहां सामान्य पेट्रोल वर्ना का पावर आउटपुट पहले से हल्का गिर गया है, वहीं टॉर्क लगभग समान ही है. दोनों कारों के साथ सीवीटी ऑटो विकल्प और 6-स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स दिया गया है. लेकिन जब आप टर्बो से इसकी तुलना करते हैं तो ह्यून्दे का इंजन काफी दमदार विकल्प के रूप में सामने आता है, खासतौर पर जल्दी बदलने वाले डीसीटी पैडल शिफ्ट की वजह से. सिटी के सीवीटी में भी पैडल दिया गया है, लेकिन इनकी तुलना नहीं की जा सकती.
आप चाहते हैं कि होंडा आईवीटेक ज़्यादा स्कूद और सुधार के साथ मिले, तो आपको ठीक वही मिलेगा जो सोचा है. इस कार को चलाना वाकई मज़ेदार था और आप नई सिटी में मिले बदलावों का असल में मज़ा लेने वाले हैं. लेकिन क्या ये स्पोर्टी और चलाने में रोमांचक है? असल में नहीं. मेरा मतलब है कि सीवीटी में ये आपके लिए काम की कार होगी जिसमें आरामदायक सफर कटेगा. और आपको पैडल इस्तेमाल करने की कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ने वाली. पर क्या ये आपको वो रोमांच दे पाएगी जो आप अपनी कार से उम्मीद करते हैं? नहीं! नई होंडा सिटी की राइड क्वालिटी और ड्राइविंग कम्फर्ट इस श्रेणी में सबसे बेहतर हैं.
वर्ना में शुरुआती ऐक्सेलरेशन में टर्बो की कमी नज़र आती है या कहें तो एक तरह की रुकावट सी होती है. ये बात सिटी में सामने नहीं आती, लेकिन जैसे ही वर्ना में टर्बो अपनी ताकत दिखाता है ये आपको बहुत मज़ेदार लगने लगती है. कार की परफॉर्मेंस में आपको तज़ी दिखाई देती है, खासतौर पर तब, जब आप गियरबॉक्स को स्पोर्ट पर रखते हैं और पैडल शिफ्टर्स का इस्तेमाल भी करते हैं. कुल मिलाकर ये कार चलने काफी मज़ेदार है और जब गियरबॉक्स को स्पोर्ट मोड पर रखा जाता है जिससे कार बेहतरीन प्रदर्शन करती है जैसा कि आप चाहते हैं. ह्यून्दे वर्ना की ड्राइव क्वालिटी भी काफी बेहतर है, लेकिन जैसा कि मैंने पहले कहा है कि सिटी इस मामले में बेहतर है.
कार के साथ मिले ऑयल बर्नर इंजन की संक्षिप्त जानकारी आपको देते हैं. कार के दोनों डीजल मॉडल्स में समान इंजन दिया गया है, लेकिन वर्ना में लगा इंजन निश्चित तौर पर ज़्यादा दमदार और रोचक है. इसका मतलब ये है कि होंडा सिटी पोर्टफालियो में नई सिटी डीजल अबतक की सबसे मज़ेदार कार बनकर सामने आई है.
हमने इन कारों की तुलना में कीमत को शामिल नहीं किया है क्योंकि होंडा ने अबतक नई जनरेशन सिटी की कीमतों का ऐलान नहीं किया है. काफी जानकारी के बाद मैं ये कह सकता हूं कि मुकाबले में बनाए रखने के लिए होंडा सिटी की कीमत को रु 10-15 लाख के बीच रखा जाएगा. ये कीमत वर्ना से मुकाबले के लिए बहुत आकर्षक होगी. 1.0-लीटर टर्बो की रु 13.99 लाख रुपए रखी गई है जो फुली लोडेड 1.5 एमपीआई इंजन के साथ सीवीटी की कीमत से महज़ 14,000 रुपए ज़्यादा है.
फैसला
ये एक सुरक्षित, विश्वस्नीय, मॉडर्न फैमिली कार है और अगर आप खुद चलाने के लिए ये कार खरीदना चाहते हैं तो एक दमदार विकप्ल होगी जो निश्चित तौर पर विजेता के रूप में उभरने वाली है. कार को नए प्लैटफॉर्म पर बनाया गया है और पुराने मॉडल के मुकाबले इसे नए फीचर्स से लैस किया गया है. लेकिन अगर आप सिर्फ फीचर्स को लेकर कार पसंद करने वाले हैं तो वर्ना में इनकी लिस्ट काफी लंबी है.
अगर आप खुद कार चलाने के लिए खरीदने वाले हैं तो ये बात याद रखिए कि अब वर्ना के साथ टर्बो विकल्प उपलब्ध कराया गया है जो कबूतरों के बीच में बिल्ली जैसा दिखाई दे रहा है. आप टीएसआई इंजन वाली वेंटो या रैपिड को भी चुन सकते हैं जो चलने में काफी बेहतर हैं, लेकिन इनके प्लैटफॉर्म को समय हो चुका है, साथ ही फीचर्स और केबिन स्पेस के मामले में भी ये मुकाबले में थोड़ी पिछड़ती हैं. अगर होंडा सिटी के साथ 1.0 टर्बो टाइप-आर लाया जाए तो ये वाकई में बिक्री को बढ़ सकता है. ये बात अभी विचारों में बनी हुई है, ऐसे में वर्ना की बढ़त बनी हुई है क्योंकि परफॉर्मेंस और फीचर्स के मामले में ये कार काफी आगे है.