वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में ऑटो पार्ट्स की बिक्री 34.8% बढ़ी: ACMA
हाइलाइट्स
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) ने वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में उद्योग के प्रदर्शन को साझा किया है. ऑटो कंपोनेंट उद्योग की कुल बिक्री अप्रैल-सितंबर 2022 की अवधि में ₹2.65 लाख करोड़ या $33.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 34.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
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इसी अवधि में निर्यात 8.6 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 की पहली छमाही में ₹79,033 करोड़ या $10.1 अरब डॉलर हो गया, जो 2021-22 की पहली छमाही में ₹68,746 करोड़ या $9.3 बिलियन डॉलर था. 33 प्रतिशत निर्यात के साथ उत्तरी अमेरिका में 12 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि यूरोप और एशिया में क्रमश: 30 प्रतिशत और 26 प्रतिशत के हिसाब से क्रमशः 4 प्रतिशत और 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
जहां तक आयात की बात करें तो इसमें 2021-22 की पहली छमाही में ₹64,310 करोड़ के साथ 17.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी, जो 2022-23 की पहली छमाही में बढ़कर ₹79,815 करोड़ या $10.1 बिलियन डॉलर हो गई.आयात में एशिया का हिस्सा 65 प्रतिशत है, इसके बाद यूरोप और उत्तरी अमेरिका क्रमशः 26 प्रतिशत और 8 प्रतिशत हैं. एशिया से आयात में 21 प्रतिशत, यूरोप से 6 प्रतिशत और उत्तरी अमेरिका से 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
ऑटो कंपोनेंट उद्योग के प्रदर्शन पर अपनी राय साझा करते हुए, ACMA के अध्यक्ष और सोना कॉमस्टार के अध्यक्ष, संजय कपूर ने कहा, "सभी सेग्मेंट में वाहन की अच्छी बिक्री के साथ, महामारी से पहले के स्तर तक पहुंच गया है और सप्लाई पक्ष के मुद्दों में भी कमी आई है जैसे कि सेमीकंडक्टर्स की उपलब्धता, उच्च इनपुट कच्चे माल की लागत और कंटेनरों की अनुपलब्धता, ऑटो कंपोनेंट सेक्टर ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में लगातार वृद्धि देखी. वाहनों और पार्ट्स के घरेलू प्रोडक्शन के साथ गति आयात में भी वृद्धि देखी गई.
"आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा मैं आशावादी हूं कि चालू वित्त वर्ष में ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर से एक और अच्छा प्रदर्शन देखने को मिलेगा. इसके अलावा, ईवीएस की खपत में वृद्धि के साथ हम ईवी की प्रोडक्शन और सप्लाई श्रंखला का एक अभिन्न अंग बनने के लिए ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर का तेजी से परिवर्तन होता देख रहे हैं. कंपोनेंट्स उद्योग लगातार निवेश कर रहा है और तकनीकी कंपनियों का अधिग्रहण भी कर रहा है. मध्यम से लंबी अवधि के दृष्टिकोण के लिए, हमें ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया से यूरोप और अमेरिका में मंदी के साथ-साथ सप्लाई श्रृंखला के मुद्दों से सावधान रहने की आवश्यकता है, जो पूरी तरह से हमारे पीछे नहीं हैं."
2022-23 की पहली छमाही में आफ्टरमार्केट सेक्टर में 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो ₹42,007 करोड़ या $5.4 बिलियन अमरीकी डालर है, जबकि 2021-22 की पहली छमाही में ₹38,895 करोड़ या USD $5.3 बिलियन था.