कोरोना वायरसः महिंद्रा हर हफ्ते 50,000 लोगों को खिलाएगी खाना, खोला अपना किचन
हाइलाइट्स
देशभर में कोरोना महामारी से निपटने के लिए बहुत सी कंपनियां काम कर रही हैं, महिंद्रा एंड महिंद्रा भी हर संभव माध्यम से लोगों और स्वास्थ्य कर्मचारियों तक मदद पहुंचाने में जुटी हुई है. पहले वेंटिलेटर्स, फिर मास्क शील्ड और आर्थिक मदद के बाद अब कंपनी ने ज़रूरतमंदों के लिए अपना किचन भी खोल दिया है. महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ और एमडी पवन गोयनका ने अपने सोशल मीडिया के ज़रिए जानकारी दी है कि कंपनी साप्ताहिक रूप से 50,000 लोगों को खाना खिलाएगी और हर हफ्ते राशन के 10,000 पैकेट वितरित किए जाएंगे. कंपनी पहले ही 50,000 दैनिक वेतद भोगियों और शरणार्थियों को खाना खिला चुकी है. इसके अलावा अपनी पोस्ट में पवन गोयनका ने ये भी कहा कि कंपनी ने अपना किचन खोला हुआ है और जो भी व्यक्ति वहां आकर गरीबों के लिए खाना बनाना चाहता है, बना सकता है. महिंद्रा द्वारा उपलब्ध कराए गए इस किचन में रोज़ाना 10,000 लोगों का खाना बनाया जा सकता है.
इसके साथ ही महिंद्रा एंड महिंद्रा भारत में इस जानलेवा वायरस से बचाव के लिए बहुत से दूसरे काम भी कर रही है. महिंद्रा पहले से वेंटिलेटर्स बनाने के काम में जुटी हुई है जिससे मरीजों की जान बचाई जा सके और इसकी टेस्टिंग भी इन-हाउस शुरू कर दी गई है. इसके अलावा मरीजों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और बाकी सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए कंपनी फेस शील्ड का उत्पादन अपनी कांदिवली फैसिलिटी में शुरू कर चुकी है. यहां तक कि गोयनका जी ने हाल में ऐलान किया है कि कंपनी देशभर में 50,000 फेस शील्ड वितरित कर चुकी है.
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इन सबके बाद कंपनी की चाहती है कि जो भी लोग इस महामारी से लड़ाई के लिए फेस शील्ड बनाना चाहते हैं उनकी मदद की जाए. यहां तक कि कंपनी ने मुंबई आधारित सेनेटरी नैपकिन बनाने वाले स्टार्ट-अप की पहल का जवाब दिया है जिसमें महिंद्रा की मशनों को 3-प्लाय मास्क बनाने के लिए मॉडिफाय करने की बात शामिल है. ये काम करने के लिए महिंद्रा के इंजीनियर्स ने सिर्फ 4 दिन में मुंबई के कांदिवली प्लांट में एक लाइन तैयार कर दी है. कंपनी ने ऐलान किया है कि 10 दिन के भीतर इस लाइन से 10,000 मास्क रोज़ाना उत्पादन किया जाएगा. बता दें कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में महिंद्रा के साथ भारत में बहुत सी कंपनियां हर संभव प्रयास कर रही हैं.