दिल्ली सरकार का चौंकाने वाला फैसला, इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देना बंद किया
हाइलाइट्स
दिल्ली सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए इलेक्ट्रिक कारों पर दी जाने वाली ₹1.50 लाख की सब्सिडी बंद कर दी है, सरकार ने यह कदम 1,000 कारें बिकने के बाद उठाया है और इस स्कीम को आगे बढ़ाने का कोई प्लान भी नज़र नहीं आ रहा है. यह फैसला दिवाली जैसे त्योहारी मौसम में लिया गया है जहां दिल्ली पूरे देश में सबसे ज़्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री वाला राज्य बनने वाला है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में दिल्ली में बिके कुल वाहनों में 7 प्रतिशत योगदान इलेक्ट्रिक कारों का है, वहीं सीएनजी वाहनों की संख्या कुल बिक्री की 6 प्रतिशत रही. दिल्ली में वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में रजिस्टर हुए कुल 1.5 लाख वाहनों में 7,869 वाहन इलेक्ट्रिक हैं और 6,857 वाहन सीएनजी हैं, वहीं 7,257 वाहनों को सीएनजी और पेट्रोल दोनों ईंधनों पर चलाया जा सकता है.
इस समय इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज़ी से अपनाया जाना बहुत आवश्यक है, खासतौर पर ठंड के मौसम में और इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी बड़ी भूमिका निभा रही है. दिल्ली में ठंड का सीज़न भारी प्रदूषण वाला होता है जिसकी मुख्य वजह पराली है. इसके अलावा अन्य कई कारणों से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और आज की बात करें तो यह रिकॉर्ड हानिकारक स्तर पर पहुंच चुका है. ऐसे में दिल्ली सरकार द्वारा सब्सिडी वापस लिए जाने का फैसला सही नज़र नहीं आ रहा है. पिछले साल ही राज्य सरकार ने ईवी पर सब्सिडी शुरू की थी जिसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.
दिल्ली सरकार सब्सिडी के अलावा बाकी लाभ इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर देती रहेगी जिनमें रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क की माफी शामिल हैं, इसके अलावा दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों, कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों और ई-रिक्शा अंतिम मील तक जाने वाले वाहनों पर रु 30,000 सब्सिडी जारी रखेगी. ईवी फोरम द्वारा शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए व्यवस्था को बेहतर करने का काम जारी रखा जाएगा और दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन पहले ही 50 नए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन अगले 6 महीने में लगाने की घोषणा कर चुका है. यहां तक कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी आने वाले 3 साल में 10,000 चार्जिंग स्टेशन देशभर में स्थापित करने वाला है जिनमें से कुछ दिल्ली-एनसीआर में भी लगाए जाएंगे.