कारों की बिक्री जून 2019 के मुकाबले 17 फीसदी बढ़ी, टू-व्हीलर्स अभी भी पीछे: ऑटो डीलर्स संघ
हाइलाइट्स
ऑटो डीलर्स संघ ने जून 2022 के लिए वाहन बिक्री के आंकड़े जारी किए, जिससे पता चलता है कि कई सेग्मेंट अब महामारी से पहले के स्तर तक बढ़ने लगे हैं. जून 2021 की तुलना में सभी सेग्मेंट में कुल वाहन बिक्री 27.16% बढ़कर 15,50,855 इकाई रही, हालांकि जून 2019 में जो कि महामारी के पहले का साल है, में बेची गई 16,98,324 इकाइयों से अभी भी कम है. अलग-अलग सेग्मेंट, यात्री वाहनों, ट्रैक्टरों और कार्मशियल वाहनों ने महामारी के पहले वाले साल से ज्यादा लाभ अर्जित किया. तिपहिया वाहनों की बिक्री में भी सुधार के संकेत मिले हैं, जिसमें पूर्व-महामारी के स्तर पर बिक्री में गिरावट लगभग 6 प्रतिशत तक कम हो गई है. इस बीच जून 2019 की तुलना में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 16.37% की गिरावट दर्ज की गई. वहीं, जून 2021 की तुलना में, सभी सेग्मेंट की बिक्री में वृद्धि देखी गई.
जून 2022 के लिए ऑटो उद्योग के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, FADA के अध्यक्ष, विंकेश गुलाटी ने कहा, "जून'21 के साथ साल-दर-साल की तुलना में,जून'22 के महीने के लिए ऑटो रिटेल ने अपना सकारात्मक प्रदर्शन जारी रखा, 2021 जून एक ऐसा महीना था जिसका कोविड महामारी की वजह से खामियाजा भुगतना जारी रहा था, जून'19 की तुलना में, जो कि एक पूर्व-कोविड महीना था के मुकाबले कुल बिक्री -9% कम थी, हालांकि, पीवी और ट्रैक्टरों की बिक्री में अच्छा उछाल आया है, जो पिछले कुछ महीनों से पहले से ही पूर्व-कोविड महीनों के स्तर से ऊपर रहे हैं और इनमें 27% और 40% की वृद्धि हुई, सीवी ने पहली बार 4% की वृद्धि दिखाई, इस प्रकार इस सेग्मेंट के लिए धीरे-धीरे ठीक होने का संकेत दिया, जबकि 3W ने अपने डी-ग्रोथ को संकुचित कर दिया और -6% से नीचे चला गया था, यह 2W सेगमेंट है जो अभी भी चिंता का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है और उम्मीद के मुताबिक नहीं उसकी बिक्री में वृद्धि नहीं दिख रही है.”
गुलाटी ने दोपहिया वाहनों की कम बिक्री के लिए विशेष रूप से ग्रामीण भारत में खराब बाजार धारणा के साथ-साथ स्वामित्व की उच्च लागत और मुद्रास्फीति के दबाव सहित अतिरिक्त कारणों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि देश भर में मानसून की शुरुआत को देखते हुए यह महीना वैसे भी दोपहिया वाहनों की बिक्री के लिए कम रहा.
यात्री वाहनों की बिक्री पर, गुलाटी ने कहा, “पीवी सेगमेंट में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है, थोक में वृद्धि स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि सेमीकंडक्टर उपलब्धता अब आसान हो रही है. प्रतीक्षा अवधि, विशेष रूप से कॉम्पैक्ट एसयूवी और एसयूवी सेगमेंट में उच्च बनी हुई है. नए वाहनों की लॉन्चिंग में मजबूत बुकिंग देखी जा रही है और इस प्रकार यह एक स्वस्थ मांग को दर्शाता है.
पीवी सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करते हुए, फाडा के नंबरों से पता चला है कि जून 2022 के लिए 41% बाजार हिस्सेदारी के साथ मारुति इस सेगमेंट में शीर्ष पर बनी हुई है. टाटा ने ह्यून्दे के मुकबाले 36,974 इकाइयों की बिक्री के साथ दूसरे स्थान पर कब्जा कर लिया है, जबकि 36,952 वाहनों की बिक्री के साथ ह्यून्दे तीसरे स्थान पर मौजूद है. महिंद्रा और किआ क्रमशः शीर्ष पांच निर्माताओं से बाहर हो गए. इस बीच टू-व्हीलर सेगमेंट में हीरो ने होंडा और टीवीएस के बाद सेगमेंट का नेतृत्व करना जारी रखा - दोनों ने जून 2021 में बिक्री में वृद्धि दर्ज की. बजाज और सुजुकी ने महीने के लिए शीर्ष पांच निर्माताओं में नाम दर्ज करवाया है.
जून 2022 को समाप्त तिमाही के लिए, फाडा के आंकड़ों से पता चला है कि यात्री वाहन, ट्रैक्टर और कार्मशियल वाहनों के कुछ सेग्मेंट पूर्व-महामारी के स्तर पर बढ़ने लगे हैं,हालांकि बाकी अभी भी नकारात्मक बने हुए हैं.