किराये की सेल्फ ड्राइव कार और बाइक चलाने पर सरकार ने जारी की सलाह
हाइलाइट्स
सेल्फ-ड्राइव कार और बाइक किराए पर लेने का उद्योग देश में विशेष रूप से उन स्थानों पर तेज़ी से बढ़ रहा है, जहां पर्यटकों का आगमन ज़्यादा संख्या में देखा जाता है. हालाँकि अब कई वर्षों से इन किराए के वाहनों के चालकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई स्थानों पर ट्रैफ़िक अधिकारी ड्राइवर के वाणिज्यिक बैज को देखने के लिए ज़ोर देते हैं. अब किराए की सेल्फ-ड्राइव कारों और बाइक के इस्तेमाल करने वालों के लिए एक राहत में, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि वैध वाहन ड्राइविंग लाइसेंस ऐसे वाहनों को चलाने के लिए पर्याप्त होंगे.
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने किराये की सेल्फ ड्राइव कैब योजनाओं को लागू करने में कुछ हितधारकों से प्राप्त मुद्दों के आधार पर सलाहकार जारी किया है. इसमें कहा गया है, "वाणिज्यिक वाहन चलाने वाले व्यक्ति जिसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस/आईडीपी और किराए पर मोटर कैब (फॉर्म 3/4) लेने के लिए लाइसेंस की प्रति या संबंधित योजना के अंतर्गत मोटर साइकिल (फॉर्म 2) के लिए लाइसेंस की प्रति है उनके लिए किसी भी प्रकार के बैज पर बल नहीं दिया जाना चाहिए." यह भी कहा गया है कि 'रेंट-ए-मोटरसाइकिल स्कीम' के तहत लाइसेंस वाले दोपहिया वाहनों को टैक्स के भुगतान पर राज्यों में ड्राइव करने की अनुमति है.
एक सेल्फ ड्राइव किराए की टैक्सी चलाने के लिए किसी भी बैज दिखाने के लिए ज़ोर नहीं दिया जाएगा.
इन वाहनों का उपयोग देश भर में छुट्टी मनाने वाले पर्यटकों, कॉर्पोरेट अधिकारियों, व्यापारिक यात्रियों और परिवारों द्वारा किया जाता है. भारत में ज़ूमकार, रेव और माइल्स जैसी कई कंपनियां हैं सेल्फ ड्राइव कार किराए पर देती हैं. बाइक किराए पर लेने का उद्योग भी कई स्थानों पर बढ़ रहा है और सरकार द्वारा जारी की गई इस नई सलाह से निश्चित रूप से कई आशंकाओं को दूर किया जा सकेगा जिसकी वजह से लोग सेल्फ ड्राइव चार पहिया और दो पहिया वाहन किराए पर लेने में कतराते थे.