ह्यून्दे ने भारत में पूरे किए 25 साल, अभी तक बनाईं 90 लाख से अधिक कारें
हाइलाइट्स
ह्यून्दे मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) इस साल भारतीय बाजार में 25 साल पूरे होने का जश्न मना रही है. कंपनी, जो दक्षिण कोरिया की ह्यून्दे मोटर कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, की स्थापना 6 मई 1996 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदुर के इरुंगट्टुकोट्टई में की गई थी. वर्तमान में, ह्यून्दे भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता है और देश में यात्री कारों का सबसे बड़ा निर्यातक भी है. इसकी स्थापना के बाद से, कंपनी ने देश में 90 लाख से अधिक वाहन बेचे हैं, और 2020 तक, भारत से लगभग 88 देशों में 30 लाख कारों का निर्यात किया है.
बाज़ार में ह्यून्दे की सबसे ताज़ा पेशकश नई पीढ़ी की i20 है.
ह्यून्दे इंडिया ने सितंबर 1998 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में अपने प्लांट में कामकाज शुरू किया था जो कोरिया के बाहर कंपनी का पहला प्लांट था. भारत में कंपनी द्वारा लॉन्च किया जाने वाला पहला मॉडल प्रतिष्ठित हैचबैक, ह्यून्दे सैंट्रो थी, जिसने कई तरीके से देश में कंपनी के भविष्य को मज़बूत किया. बाद में, कंपनी ने गेट्ज़ के साथ प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट में भी कदम रखा, जिसकी जगह कुछ सालों बाद i20 को लॉन्च किया गया. फिल्हाल क्रेटा और वेन्यू देश में कंपनी की सबसे ज़्यादा बिकने वाली कारें बनी हुई हैं.
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क्रेटा देश में कंपनी की सबसे ज़्यादा बिकने वाली कारें में से एक है.
वर्तमान में, ह्यून्दे मोटर इंडिया देश में कुल 11 मॉडल पेश करती है, जो एंट्री-लेवल सैंट्रो हैचबैक से शुरु होकर कंपनी की सबसे महंगी कार टूसॉन तक जाती है. कीमत की बात करें तो कंपनी की पूरी मॉडल रेंज की रु 4.67 लाख से शुरू होती है, और रु 27.33 लाख (सभी एक्स-शोरूम, दिल्ली) तक जाती है.