इंडिया बाइक वीक - जहां बाइक्स से ज़्यादा रफ़्तार दिखी बाइकर्स की
भारत में बाइकिंग का कल्चर किस क़दर बढ़ा है ये हम और आप सभी जानते हैं। लेकिन अगर इसका असल नज़ारा देखना है, एक साथ, एक ही जगह पर, तो फिर इंडिया बाइक वीक से बढ़िया जगह नहीं हो सकती है।
हाइलाइट्स
भारत में बाइकिंग का कल्चर किस क़दर बढ़ा है ये हम और आप सभी जानते हैं। लेकिन अगर इसका असल नज़ारा देखना है, एक साथ, एक ही जगह पर, तो फिर इंडिया बाइक वीक से बढ़िया जगह नहीं हो सकती है।
गोवा में समंदर की हवा और मोटरसाइकिलों का रोमांच और बाइकर्स की मस्ती। ये मेला बहुत पुराना नहीं, इंडिया बाइक वीक का चौथा संस्करण ही था, लेकिन सभी बाइकप्रेमियों में ये काफ़ी नामी हो चुका है। जिसे लेकर लोगों में जोश बढ़ा है, बाइकर्स का उत्साह बढ़ा है।
मोटरसाइकिल शौक़ीन ख़ासकर जो महंगी क्रूज़र-टूरर और स्पोर्ट्स बाइक वाले बाइकर हैं, लाइफ़स्टाइल बाइकर्स हैं, उनमें ऐसे किसी इवेंट चाहत लंबे वक्त से थी। वो ऐसे ग्राहक होते हैं जो दुनिया घूम चुके हैं और उनके सामने अमेरिकी स्टर्जिस राइड जैसे ईवेंट हैं, जहां पर हर साल लाखों की संख्या में बाइकर्स जाते हैं। पिछले साल तो सुना एक मिलियन बाइकर्स या कहें कि बाइकप्रेमी पहुंचे थे। तो वीकेंड पर छोटी छोटी राइड्स के अलावा हिंदुस्तानी राइडर भी बड़ी राइड वाले किसी ईवेंट पर जाना चाहते रहे हैं।
ऐसे में भले ही स्टर्जिस के दस लाख बाइकर्स के मुक़ाबले बारह हज़ार बाइक प्रेमी बहुत कम हों लेकिन भारत जैसे देश और मार्केट में ये संख्या किस तेज़ी से बढ़ेगी उसका अंदाज़ा उन सभी कंपनियों को है जो यहां मौजूद थीं। लेकिन इस ईवेंट का असल फ्लेवर तो रहता है बाइकरों की दोस्ती यारी और मस्ती।
देश के हर छोटे बड़े शहर में तरह- तरह के राइडिंग ग्रुप बन रहे हैं, ज़्यादातर बाइकर्स ऐसे हो रहे है जो कई राइडिंग ग्रुप में शामिल रहते हैं। ज़ाहिर है ऐसे बाइकर्स लंबी राइड के लिए प्लान बनाते रहते हैं। दिल्ली को ही लीजिए तो यहां यमुना एक्सप्रेसवे या (अब बदनाम हो चुके) मुरथल में किसी भी वीकेंड की सुबह चले जाइए, बाइक्स की भरमार दिखेगी।
बाइक वीक ऐसे ही राइडर एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहा है, साथ में सभी कंपनियों के अपने अपने राइडिंग ग्रुप भी आते हैं। जो महीनों से प्लान करते हैं और शान से एक साथ घुसते हैं गोवा में। हार्ली का हॉग यानि हार्ली ओनर ग्रुप हो, ट्रायंफ़ के राइडर हों या फिर बेनेली के ग्रुप। वहीं इंडियन जो फ़िलहाल सबसे महंगी बाइक्स के सेगमेंट में खेल रही है उसने भी अपने राइडिंग ग्रुप का ऐलान इस साल के बाइक वीक में किया।
इन राइडिंग ग्रुप की एंट्री एक तरह का शक्ति प्रदर्शन भी होता है लेकिन फिर थोड़ी देर में यारी दोस्ती और कॉमराडरी भी दिखती है। अगर आप बाइकर नहीं हैं तो बता दें कि ये जुड़ाव ऐसा होता है जो कार प्रेमियों के बीच शायद ही देखने को मिले। साथ में बाइक वीक को एक तरह से छोटा ऑटो एक्स्पो भी कह सकते हैं क्योंकि डुकाटी, हार्ली, ट्रायंफ़, इंडियन, बेनेली, यूएम सभी कंपनियां यहां पर अपने प्रोडक्ट लेकर आई थीं। सभी कंपनियों के नए प्रोडक्ट यहां देखने को मिले ।
नई पानिगाले को डुकाटी ने प्रदर्शित किया। जिसकी क़ीमत लगभग 14 लाख रु रखी गई है और जुलाई में ये भारत में बिकना शुरू होगी। हार्ली अपनी नई कस्टम 1200 के साथ नज़र आई, बेनेली लेकर आई नई बाइक्स। ट्रायंफ़ की नई बॉनविल को तो हमने एक्स्पो में देखा ही था, जिसमें रेंज की तीन मोटरसाइकिलों को एक साथ प्रदर्शित किया था। स्ट्रीट ट्विन, बॉनविल T120 और थ्रक्स्टन आर। वैसे भी ट्रायंफ़ इस इवेंट में हार्ली को कड़ी टक्कर दे रही है। जहां कंपनी ने ऑफ़रोड राइ़डिंग के लिए भी ख़ास क्लास रखी थी। साथ में UM बाइक कंपनी भी यहां पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराती दिखी। नई कंपनी है, रेनेगेड नाम की नई बाइक्स लेकर ये भी उतरी गोवा में।
हालांकि इसी भीड़ में फ़ॉक्सवैगन कार कंपनी भी दिखी इस साल जिससे बहुत से बाइकर आश्चर्य में भी पड़ गए। डीज़ल इंजन के एमिशन घोटाले की वजह से फॉक्सवागन फ़िलहाल ऐसी स्थिति से गुज़र रही है कि मार्केटिंग के हर तरीके को अपनाना चाह रही है। वैसे गाड़ियों का प्रदर्शन बाइक वीक का छोटा हिस्सा था। बाक़ी के हिस्से में म्यूज़िक और मस्ती का कब्ज़ा था। देश के कई नामी म्यूज़िशियन यहां पर बाइकर्स का मनोरंजन करने आए। तो म्यूज़िक और मस्ती के अलावा सबसे ख़ास अनुभव किसी भी बाइकर्स के लिए हो सकता है वो है तजुर्बेकार बाइकरों से जानकारी लेना। तो यहां पर शामिल राइडरों ने नामी रैलिस्ट सीएस संतोष से राइडिंग के गुर सीखे । साथ में आए थे कई तजुर्बेकार राइडर्स भी।
वहीं किसी भी बाइक वीक का एक ख़ास हिस्सा होता है बिल्डऑफ़, मोटरसाइकिलों का कस्टमाइज़ेशन करने वालों के बीच मुक़ाबला। इस मुक़ाबले में देखने को मिलती हैं ऐसी कस्टमाइज़़्ड बाइक्स जो आम सड़कों पर ना दिखे। तो कस्टमाइज़ेशन करने वाले कई प्रोफेशनल एक दूसरे से भिड़ते नज़र आते हैं, एक से एक नए डिज़ाइन के साथ। इन इवेंट्स की तस्वीरें देखकर महसूस होता है कि भारत में कस्टमाइज़ेशन की क्वालिटी वाकई काफ़ी बेहतर हुई है।
हां नई-नई बाइक्स की भीड़ में भी कुछेक बाइक्स हैं जो बिल्कुल अलग और एक्सक्लूसिव दिखती हैं, वो हैं विंटेज और क्लासिक बाइक्स। ये वो सेक्शन होता है जहां पर पता चलता है कि हार्ली ट्रायंफ़ से पहले भी लाइफ़स्टाइल बाइकिंग के दीवाने थे।
बहुत से विज़ुअल ऐसे आए जहां पर राइडर्स बिना हेलमेट में बाइक चलाते दिखे, इस ट्रेंड को रोकने की ज़रूरत है, ख़ासकर भारत में, जहां की सड़कें दुनिया में सबसे असुरक्षित हैं।
गोवा में समंदर की हवा और मोटरसाइकिलों का रोमांच और बाइकर्स की मस्ती। ये मेला बहुत पुराना नहीं, इंडिया बाइक वीक का चौथा संस्करण ही था, लेकिन सभी बाइकप्रेमियों में ये काफ़ी नामी हो चुका है। जिसे लेकर लोगों में जोश बढ़ा है, बाइकर्स का उत्साह बढ़ा है।
मोटरसाइकिल शौक़ीन ख़ासकर जो महंगी क्रूज़र-टूरर और स्पोर्ट्स बाइक वाले बाइकर हैं, लाइफ़स्टाइल बाइकर्स हैं, उनमें ऐसे किसी इवेंट चाहत लंबे वक्त से थी। वो ऐसे ग्राहक होते हैं जो दुनिया घूम चुके हैं और उनके सामने अमेरिकी स्टर्जिस राइड जैसे ईवेंट हैं, जहां पर हर साल लाखों की संख्या में बाइकर्स जाते हैं। पिछले साल तो सुना एक मिलियन बाइकर्स या कहें कि बाइकप्रेमी पहुंचे थे। तो वीकेंड पर छोटी छोटी राइड्स के अलावा हिंदुस्तानी राइडर भी बड़ी राइड वाले किसी ईवेंट पर जाना चाहते रहे हैं।
देश के हर छोटे बड़े शहर में तरह- तरह के राइडिंग ग्रुप बन रहे हैं, ज़्यादातर बाइकर्स ऐसे हो रहे है जो कई राइडिंग ग्रुप में शामिल रहते हैं। ज़ाहिर है ऐसे बाइकर्स लंबी राइड के लिए प्लान बनाते रहते हैं। दिल्ली को ही लीजिए तो यहां यमुना एक्सप्रेसवे या (अब बदनाम हो चुके) मुरथल में किसी भी वीकेंड की सुबह चले जाइए, बाइक्स की भरमार दिखेगी।
बाइक वीक ऐसे ही राइडर एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहा है, साथ में सभी कंपनियों के अपने अपने राइडिंग ग्रुप भी आते हैं। जो महीनों से प्लान करते हैं और शान से एक साथ घुसते हैं गोवा में। हार्ली का हॉग यानि हार्ली ओनर ग्रुप हो, ट्रायंफ़ के राइडर हों या फिर बेनेली के ग्रुप। वहीं इंडियन जो फ़िलहाल सबसे महंगी बाइक्स के सेगमेंट में खेल रही है उसने भी अपने राइडिंग ग्रुप का ऐलान इस साल के बाइक वीक में किया।
नई पानिगाले को डुकाटी ने प्रदर्शित किया। जिसकी क़ीमत लगभग 14 लाख रु रखी गई है और जुलाई में ये भारत में बिकना शुरू होगी। हार्ली अपनी नई कस्टम 1200 के साथ नज़र आई, बेनेली लेकर आई नई बाइक्स। ट्रायंफ़ की नई बॉनविल को तो हमने एक्स्पो में देखा ही था, जिसमें रेंज की तीन मोटरसाइकिलों को एक साथ प्रदर्शित किया था। स्ट्रीट ट्विन, बॉनविल T120 और थ्रक्स्टन आर। वैसे भी ट्रायंफ़ इस इवेंट में हार्ली को कड़ी टक्कर दे रही है। जहां कंपनी ने ऑफ़रोड राइ़डिंग के लिए भी ख़ास क्लास रखी थी। साथ में UM बाइक कंपनी भी यहां पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराती दिखी। नई कंपनी है, रेनेगेड नाम की नई बाइक्स लेकर ये भी उतरी गोवा में।
वहीं किसी भी बाइक वीक का एक ख़ास हिस्सा होता है बिल्डऑफ़, मोटरसाइकिलों का कस्टमाइज़ेशन करने वालों के बीच मुक़ाबला। इस मुक़ाबले में देखने को मिलती हैं ऐसी कस्टमाइज़़्ड बाइक्स जो आम सड़कों पर ना दिखे। तो कस्टमाइज़ेशन करने वाले कई प्रोफेशनल एक दूसरे से भिड़ते नज़र आते हैं, एक से एक नए डिज़ाइन के साथ। इन इवेंट्स की तस्वीरें देखकर महसूस होता है कि भारत में कस्टमाइज़ेशन की क्वालिटी वाकई काफ़ी बेहतर हुई है।
हां नई-नई बाइक्स की भीड़ में भी कुछेक बाइक्स हैं जो बिल्कुल अलग और एक्सक्लूसिव दिखती हैं, वो हैं विंटेज और क्लासिक बाइक्स। ये वो सेक्शन होता है जहां पर पता चलता है कि हार्ली ट्रायंफ़ से पहले भी लाइफ़स्टाइल बाइकिंग के दीवाने थे।
Last Updated on March 4, 2016
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