इंपोर्टेड कारों और बाइक्स पर राहत देने की तैयारी में भारत सरकार, जानें कैसे मिलेगा फायदा
सरकार प्रिमियम कारों, महंगी मोटरसाइकल और इलैक्ट्रिक वाहनों के इंपोर्ट नियमों में थोड़ा बदलाव करने का प्लान बना रही है. टैप कर जानें कैसे होगा फायदा?
हाइलाइट्स
- वाहनों पर इंपोर्ट ड्यूटी की दरों में कोई कमी नहीं, लेकिन मिलेगी राहत
- ड्राफ्ट नोटिफिकेशन सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने जारी किया है
- भारत के कार और बाइक ग्राहकों को कई विकल्प उपलब्ध कराना लक्ष्य
भारत सरकार प्रिमियम कारों, महंगी मोटरसाइकल और इलैक्ट्रिक वाहनों के मौजूदा इंपोर्ट नियमों में थोड़ा बदलाव करने का प्लान बना रही है. इसका मतलब ये है कि सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट जारी किया है जो ये कहता है कि कीमतों का दायरा, इंजन क्षमता और लोकल टेस्टिंग को राहत मिलेगी. यह वाहन निर्माताओं के लिए महंगे वाहनों को भारत लाना काफी आसान हो जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सरकार अब निर्माताओं को विदेश से वाहन आयात करने की अनुमति देने वाली है जिसके लिए इन वाहनों की टेस्टिंग और प्रमाणपत्र यूरोप और सिंगापुर की अंतर्राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी ने जारी किया हो. फिलहाल निर्माता कंपनियां किन्ही सैगमेंट के कुछ ही मॉल को बिना लोकल टेस्टिंग के आयात कर सकती हैं.
जिन टू-व्हीलर्स की इंजन क्षमता 800cc या उससे ज़्यादा है उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा
रिपोर्ट की मानें तो इस ड्राफ्ट में सिर्फ 40,000 डॉलर यानी लगभग 27 लाख रुपए से ज़्यादा कीमत वाली कारों को ही शामिल किया गया है. इसके साथ ही जिन टू-व्हीलर्स की इंजन क्षमता 800cc या उससे ज़्यादा है उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा. सरकार का प्रस्ताव नए नॉर्म्स लाने का है जिससे इन नियमों से निजात मिलेगी. भारत सरकार वाहन निर्माता कंपनियों को सालाना 2,500 यूनिट वाहन आयात करने की अनुमति देने वाली है जिन्हें भारतीय एजेंसियों द्वारा टेस्ट नहीं किया जाएगा. इसकी और ज़्यादा जानकारी सरकार के फाइनल ड्राफ्ट बनाने के बाद दी जा सकेगी, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे इस सर्कुलर को जल्द ही पब्लिक डोमेन में लागू कर सकती है.
ये भी पढ़ें : इलैक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की कीमतों में हो सकती है भारी कमी, सरकार को भेजा प्रस्ताव
बहरहाल, इसका मतलब ये नहीं हुआ कि फिलहाल लागू इंपोर्ट ड्यूटी की दरों में कोई कमी आने वाली है. इंपोर्ट ड्यूटी रेट्स फिलहाल लागू रेट्स जितने ही होंगे और किसी खास सैगमेंट की बात करें तो यह यूनिट की लागत से 100% से भी ज़्यादा हो सकती है. इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के तहत भारत में इंपोर्टेड वाहनों का रजिस्ट्रेशन शामिल है जो कुछ राज्यों में काफी मुश्किल भरा काम है. इन सभी आयातित वाहनों का राइट हैंड ड्राइव होने के साथ राष्ट्रों के अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरना ज़रूरी है. इसका मकसद भारतीय ग्राहकों को बहुत सारे विकल्प उपलब्ध कराना है.
सोर्स : ईटी ऑटो
रिपोर्ट की मानें तो इस ड्राफ्ट में सिर्फ 40,000 डॉलर यानी लगभग 27 लाख रुपए से ज़्यादा कीमत वाली कारों को ही शामिल किया गया है. इसके साथ ही जिन टू-व्हीलर्स की इंजन क्षमता 800cc या उससे ज़्यादा है उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा. सरकार का प्रस्ताव नए नॉर्म्स लाने का है जिससे इन नियमों से निजात मिलेगी. भारत सरकार वाहन निर्माता कंपनियों को सालाना 2,500 यूनिट वाहन आयात करने की अनुमति देने वाली है जिन्हें भारतीय एजेंसियों द्वारा टेस्ट नहीं किया जाएगा. इसकी और ज़्यादा जानकारी सरकार के फाइनल ड्राफ्ट बनाने के बाद दी जा सकेगी, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे इस सर्कुलर को जल्द ही पब्लिक डोमेन में लागू कर सकती है.
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बहरहाल, इसका मतलब ये नहीं हुआ कि फिलहाल लागू इंपोर्ट ड्यूटी की दरों में कोई कमी आने वाली है. इंपोर्ट ड्यूटी रेट्स फिलहाल लागू रेट्स जितने ही होंगे और किसी खास सैगमेंट की बात करें तो यह यूनिट की लागत से 100% से भी ज़्यादा हो सकती है. इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के तहत भारत में इंपोर्टेड वाहनों का रजिस्ट्रेशन शामिल है जो कुछ राज्यों में काफी मुश्किल भरा काम है. इन सभी आयातित वाहनों का राइट हैंड ड्राइव होने के साथ राष्ट्रों के अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरना ज़रूरी है. इसका मकसद भारतीय ग्राहकों को बहुत सारे विकल्प उपलब्ध कराना है.
सोर्स : ईटी ऑटो
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