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विदेश से वाहन आयात करवाने के क्या है नियम? क्या आप जानते है?

अगर आप किसी विदेशी देश से वाहन आयात करने का सोच रहे है, तो ध्यान में रखने योग्य कई बारीकियां हैं, जो आपको पता होनी चाहिए.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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3 मिनट पढ़े

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प्रकाशित दिसंबर 20, 2021

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Story

हाइलाइट्स

    बेंटले, रोल्स-रॉयस, फेरारी, टेस्ला, एमवी अगस्ता, लेम्बोर्गिनी, डुकाटी और अन्य विश्व स्तरीय लग्ज़री ब्रांडों से वाहन आयात करने में बहुत समय और ऊर्जा लगती है. इन ब्रांडों के कई वाहन हमारे देश में उपलब्ध नहीं हैं और इसलिए उत्साही लोग इन्हें आयात करना पसंद करते हैं. भारत सरकार वाहनों के स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करती है. इसलिए सरकार ने आयात शुल्कों को काफी अधिक रखा हुआ है, ताकि कंपनियों को CBUs (पूरी तरह से निर्मित यूनिट) के रूप में सभी मॉडलों को आयात करने से रोक जा सके. इसके बजाय सरकार स्थानीय रूप से CKDs (कम्प्लीटली नॉक्ड डाउन) के रूप में असेंबल करना पसंद करती हैं. हालाँकि, यदि आप आयात और सीमा शुल्क पर एक बड़ा खर्च करने के लिए तैयार है, तो आप इस मुख्य बिंदुओं का पालन कर सकते है.

    यह भी पढ़ें: भारत में अपने दोपहिया वाहन के लिए कैसे पांए एक वीआईपी नंबर

    मुख्य बातें जिन्हें आपको हमेशा ध्यान में रखना चाहिए:

    1. डीजीएफटी (विदेश व्यापार महानिदेशालय) ने विदेशी कारों के आयात के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं. आयात कारें वे हैं जो भारतीय कार निर्माताओं द्वारा निर्मित नहीं की जाती हैं और आयात किए जाने से पहले लीजिंग/ बेची/ ऋण श्रेणी के अंतर्गत नहीं आती हैं.
    2. आयात करने से पहले ऐसी कार का उस देश में रेजिस्ट्रेशन नहीं किया जाना चाहिए, जहाँ से वो आयात की जा रही हैं और इन वाहनों में स्पीडोमीटर किमी प्रति घंटा मीट्रिक यूनिट का पालन करने वाले होने चाहिए.
    3. कारों के मामले में स्टीयरिंग राइट-हैंड-ड्राइव (आरएचडी) होना चाहिए. हेडलैम्प्स को देश में लेफ्ट ट्रैफिक रखने की पेशकश करनी चाहिए. कार को निर्माता के घरेलू देश से आयात किया जाना चाहिए. यदि भंडारण के लिए किसी अन्य देश का उपयोग किया जाता है, तो भारत तक शिपमेंट ट्रैकिंग के लिए दस्तावेज उपलब्ध होना चाहिए.
    4. कार को भारत के 1988 मोटर वाहन अधिनियम का अनुपालन करना चाहिए.
    5. यदि किसी डीलर या आयातकर्ता के माध्यम से कार को आयात किया जाता है, तो वाहन को केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम संख्या 126 का पालन करते हुए इंस्पेक्शन सर्टिफिकेट के पालन साथ वाहन को ठीक से होमोलोगेट किया जाना चाहिए. इसी तरह सड़क-योग्यता सर्टिफिकेट दिया जाना चाहिए.
    6. अधिनियम के 126ए के अनुसार विनिर्माण नियमों के अनुपालन के लिए लिखित प्रमाण होना चाहिए. इसे आयात के 6 महीने के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
    7. आयात की अनुमति केवल मुंबई में न्हावा शेवा, दिल्ली एयर कार्गो, कोचीन, कोलकाता, चेन्नई और तुगलकाबाद इनलैंड कंटेनर डिपो के कस्टम पॉइंट के माध्यम से है.
    8. कुछ श्रेणियों के आयातकर्ता को केवल एक वाहन आयात करने की अनुमति है. विदेशी शाखाओं या भागीदारी वाली भारतीय कंपनियां अधिकतम तीन वाहनों का आयात कर सकती हैं.
    9. आयात वाहनों को होमोलॉगेशन से छूट तब मिलेगी, जब 3,000 सीसी या इससे अधिक के पेट्रोल इंजन वाली कार या 2,500 सीसी या अधिक के डीजल इंजन वाली कारें होगी. साथ ही 800 सीसी से ऊपर के इंजन वाली सुपरबाइक भी हो सकती हैं.
    10. 40,000 डॉलर या उससे अधिक के एफओबी या सीआईएफ मूल्य वाले वाहनों को भी छूट दी जाती है.
    11. हालांकि, इन वाहनों को एनसीएपी, ईसीई और अन्य जैसे अधिकृत परीक्षण एजेंसी प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी.
    12. लग्जरी कारों पर लगने वाला आयात शुल्क इस सीआईएफ मूल्य का 165% है और बाइक के लिए यह सीआईएफ मूल्य का 116% है. आरटीओ का रेजिस्ट्रेशन शुल्क राज्य सरकार के नियमों के अनुसार होगा.
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