क्रैश टेस्ट में 5-स्टार स्कोर के साथ पास हुई जीप कम्पस, जानें कितने सेफ हैं इस SUV के यात्री
जीप ने हाल ही में नई SUV कम्पस भारत में लॉन्च की है और कार सेफ्टी जांचने वाले NCAP ने यूरोप में बिकने वाली राइट हैंड ड्राइव कम्पस का क्रैश टेस्ट किया है. जीप कम्पस ने न सिर्फ इस क्रैश टेस्ट को पास किया, बल्कि इसमें 5-स्टार स्कोर भी किया है. जानें किन टेस्ट से गुज़री जीप कम्पस और कितनी सेफ है SUV?
हाइलाइट्स
- यूरो NCAP के क्रैश टेस्ट में जीप कम्पस का सेफ्टी स्कोर 5-स्टार है
- वयस्कों यात्रियों के लिए टकराव की स्थिति में जीप कम्पस 90% सेफ है
- बच्चों कि लिए यह कार 83% और पैदल यात्रियों के लिए 64% सेफ है
हाल ही में लॉन्च हुई जीप कम्पस भारत में आते ही ऑटोमोबाइल बाजार पर छा गई है. देश में लोग इसे बेहद पसंद कर रहे हैं और कंपनी की इस एसयूवी ने अबतक 10,000 बुकिंग हासिल कर ली है. पेट्रोल और डीजल वेरिएंट में उपलब्ध यह कार और भारत में कंपनी की सबसे सस्ती एसयूवी है. राइट हैंड ड्राइव कार वाले देशों में जीप कम्पस भारत से बनाकर एक्सपोर्ट की जाएगी. हाल ही में कार सेफ्टी पर निगरानी रखने वाले सूरो एनसीएपी ने जीप की लैफ्ट हैंड ड्राइव कार कार क्रैश टेस्ट किया. इस क्रैश टेस्ट में जीप कम्पस का स्कोर 5-स्टार है. वयस्कों के लिए कम्पस का स्कोर 90 प्रतिशत है, बच्चों के लिए इसका स्कोर 83 प्रतिशत है और पैदल पार पथ पर 4*4 कम्पस का स्कोर 64 प्रतिशत है.
वयस्कों के लिए कम्पस का स्कोर 90 प्रतिशत है
भारत में बनी जीप कम्पस और यूरोप में टेस्ट हुई जीप कम्पस में थोड़ा अंतर है. यूरोप में क्रैश के दौरान जिस कार का इस्तेमाल किया गया वो लैफ्ट हैंड ड्राइव है. इस कार में 8 एयरबैग्स लगे हैं, जबकि भारत में बनी जीप कम्पस में 6 एयरबैग्स दिए गए हैं. हालांकि दोनों कारों का स्ट्रक्चर समान है और दोनों में ही बच्चों के लिए पिछली सीट पर आईसोफिक्स पॉइंट लगाए गए हैं. मजबूती में मामले में भी दोनों कारें लगभग समान है, अब भारत में बनी जीप कम्पस के क्रैश टेस्ट के बाद साफ हो जाएगा कि ये कार यूरोप में बिक रही कार जितनी मजबूत है या नहीं.
ये भी पढ़ें : कुछ ही दिनों में 8000 से ज्यादा लोगों ने बुक की जीप कम्पस, जानें क्या खास है इस SUV में
यूरो एनसीएपी ने पाया कि टकराव की स्थिति में कार का पैसेंजर कंपार्टमेंट यात्रियों के लिए सेफ बना रहता है. डमी पर हुए टेस्ट के साथ जीप को कई तरह के टकरावों से गुज़ारा गया और इसे सुरक्षित पाया गया. इस टेस्ट के दौरान डमी को कोई गंभीर चोट नहीं आई जिससे यात्री की जान चली जाए. साइड से टक्कर लगने पर भी यह कार काफी सेफ नज़र आई, इसमें भी डमी की पसली पर ऐसी कोई चोट नहीं आई जिससे इंसान की जान चली जाए. भारत में बनी जीप कम्पस राइट हैंड ड्राइव है और इसमें भी वो सारे सुरक्षा उपकरण दिए गए हैं जो यूरोप में बिक रही जीप में हैं.
भारत में बनी जीप कम्पस और यूरोप में टेस्ट हुई जीप कम्पस में थोड़ा अंतर है. यूरोप में क्रैश के दौरान जिस कार का इस्तेमाल किया गया वो लैफ्ट हैंड ड्राइव है. इस कार में 8 एयरबैग्स लगे हैं, जबकि भारत में बनी जीप कम्पस में 6 एयरबैग्स दिए गए हैं. हालांकि दोनों कारों का स्ट्रक्चर समान है और दोनों में ही बच्चों के लिए पिछली सीट पर आईसोफिक्स पॉइंट लगाए गए हैं. मजबूती में मामले में भी दोनों कारें लगभग समान है, अब भारत में बनी जीप कम्पस के क्रैश टेस्ट के बाद साफ हो जाएगा कि ये कार यूरोप में बिक रही कार जितनी मजबूत है या नहीं.
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यूरो एनसीएपी ने पाया कि टकराव की स्थिति में कार का पैसेंजर कंपार्टमेंट यात्रियों के लिए सेफ बना रहता है. डमी पर हुए टेस्ट के साथ जीप को कई तरह के टकरावों से गुज़ारा गया और इसे सुरक्षित पाया गया. इस टेस्ट के दौरान डमी को कोई गंभीर चोट नहीं आई जिससे यात्री की जान चली जाए. साइड से टक्कर लगने पर भी यह कार काफी सेफ नज़र आई, इसमें भी डमी की पसली पर ऐसी कोई चोट नहीं आई जिससे इंसान की जान चली जाए. भारत में बनी जीप कम्पस राइट हैंड ड्राइव है और इसमें भी वो सारे सुरक्षा उपकरण दिए गए हैं जो यूरोप में बिक रही जीप में हैं.
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