महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन को नए ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में 5 स्टार की सुरक्षा रेटिंग मिली
हाइलाइट्स
महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन ने भारतीय SUV निर्माता के रिकॉर्ड को बरकरार रखा है. भारतीय निर्मित कारों के क्रैश टेस्ट के नए दौर में मजबूत प्रदर्शन के साथ महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन ने 5 स्टार की सुरक्षा रेटिंग हासिल की है. सेफ्टी एजेंसी ग्लोबल NCAP ने भारत के 4 पॉपुलर मॉडल्स का क्रैश टेस्ट किया है, इसमें मारुति सुजुकी की तीन और महिंद्रा की एक कार शामिल है, जहां मारुति ने खराब प्रदर्शन किया है, वहीं केवल महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 5 स्टार रेटिंग का स्कोर किया है. इसे एडल्ट ऑक्यूपेंट सुरक्षा में अधिकतम 34 में से 29.25 अंक मिले हैं. स्कॉर्पियो-एन ने बच्चों की सुरक्षा के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया और इसे अधिकतम 49 में 28.93 अंक मिले. यह स्कोर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ग्लोबल NCAP के भारत क्रैश टेस्ट प्रोग्राम के लिए सुरक्षित कारों के नए अधिक कड़े प्रोटोकॉल के तहत यह केवल दूसरा टेस्ट है. महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन को इसके बेस वैरिएंट में टेस्ट किया गया था, जिसमें स्टैंडर्ड तौर पर दो एयरबैग, एबीएस (एंटी-लॉक ब्रेक) और आइसोफ़िक्स चाइल्ड सीट एंकर मिलते हैं. थ्री पाइंट सीटबेल्ट की कमी ने पीछे रहने वालों की सुरक्षा के स्कोर को कम कर दिया.
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ग्लोबल एनकैप के महासचिव अलेजांद्रो फुरास ने कहा, "ग्लोबल एनकैप महिंद्रा को सुरक्षा के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता दिखाने और हमारे नए अधिक कड़े क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के तहत कार में रहने वाले एडल्ट यात्रियों की सुरक्षा के लिए 5 स्टार रेटिंग हासिल करने पर बधाई देता है." जबकि स्कॉर्पियो-एन पहला महिंद्रा मॉडल है जिसे नए बदले हुए प्रोटोकॉल के तहत टेस्ट किया गया है, यह 5 स्टार हासिल करने वाली पहली महिंद्रा कार नहीं है, इससे पहले महिंद्रा XUV 700 और XUV300 ने भी पिछले प्रोटोकॉल के तहत 5 स्टार की रेटिंग हासिल की थी.
डेविड वार्ड, कार्यकारी अध्यक्ष, टूवार्ड्स जीरो फाउंडेशन ने कहा, "महिंद्रा जैसे भारतीय निर्माताओं ने वाहन सुरक्षा प्रदर्शन में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दिखाया है. यह बहुत ही स्वागत योग्य है और हम इस आशाजनक गति को बनाए रखने के लिए तत्पर हैं जब भारत एनकैप को अगली साल लॉन्च किया जाएगा." ग्लोबल NCAP के बदले हुए प्रोटोकॉल में अब फ्रंटल और साइड क्रैश टेस्ट, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), पैदल यात्री सुरक्षा और एक साइड इम्पैक्ट पोल टेस्ट जैसी प्रणालियों को शामिल किया गया है. ये कई अन्य आवश्यकताओं के बीच हैं जिनका आकलन किया जाता है और व्यक्तिगत स्कोर दिए जाते हैं जो अंतिम स्टार रेटिंग के लिए आगे बढ़ते हैं. पुराने प्रोटोकॉल के तहत 5-स्टार रेटिंग वाली कारों को नए शासन के तहत समान स्कोर मिल भी सकता है और नहीं भी.
स्कॉर्पियो-एन का क्रैश टेस्ट स्वैच्छिक था, जिसका मतलब है कि महिंद्रा के कहने पर ग्लोबल एनकैप द्वारा कार का टेस्ट किया गया था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कंपनी को कोई विशेष विशेषाधिकार दिया गया था जैसा कि अक्सर एक आम गलत धारणा है. हाल ही में स्कोडा कुशक और फोक्सवैगन टाइगुन का भी इसी तरह टेस्ट किए गए थे और दोनों कारों ने बच्चों और बड़ो दोनों के लिए 5 स्टार स्कोर किया, जिससे वे भारतीय निर्मित वाहनों के लिए उच्चतम स्कोर वाली कारें बन गईं. इस साल की शुरुआत में हमने किआ कारेंज़, टोयोटा अर्बन क्रूज़र, ह्यून्दे i20 और क्रेटा, होंडा जैज़ और सिटी, रेनॉ काइगर और निसान मैग्नाइट जैसी अन्य कारों का भी परीक्षण किया है - लेकिन उन सभी परीक्षणों में पुराने प्रोटोकॉल का पालन किया गया था, बता दें, होंडा, टोयोटा, रेनॉ और निसान मॉडल ने एडल्ट ऑक्यूपेंट सुरक्षा के लिए 4 स्टार का स्कोर किया, वहीं ह्यून्दे और किआ मॉडल के मॉडलों को 3 स्टार की रेटिंग मिली.
Last Updated on December 12, 2022