दिल्ली में पुराने वाहनों को ज़ब्त करके सीधा भेजा जाएगा स्क्रैपिंग सेंटर
हाइलाइट्स
शहर में प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार का मानना है कि बड़ी संख्या में लोग पुराने वाहन चला रहे हैं जो अधिक मात्रा में प्रदूषण फैलाते हैं. हिंदुस्तान अख़बार में आई एक ख़बर के मुताबिक अब दिल्ली की सड़कों पर खड़े और चल रहे 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त करने के बजाय सीधे स्क्रैप करने वाली कंपनी के प्लांट में भेजा जाएगा. अभी तक पुराने वाहनों को जब्त करने के बाद परिवहन विभाग के पार्किंग स्थानों पर ले जाया जाता था.
दिल्ली परिवहन विभाग ने इसके लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर दी है. इसके अनुसार अब जब्त हुए वाहन सीधे स्क्रैप प्लांट में भेजे जाएंगे. यह स्क्रैप कंपनी की ज़िम्मेदारी होगी कि वह वाहन सार्वजनिक स्थान से उठाकर स्क्रैप प्लांट तक ले जाए और यह व्यवस्था निजी कारों के साथ टू-वीलर, तिपहिया और कमर्शियल वाहनों पर भी लागू होगी. परिवहन विभाग के अनुसार दिल्ली में 10 लाख से अधिक दोपहिया वाहनों ने प्रदूषण की जाँच नहीं कराई है.
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स्क्रैप करने वाली कंपनी को वाहन का पैसा बाजार भाव से सीधे पुराने वाहन मालिक को देना होगा. अगर ऐसे जब्त वाहन को लेकर कोई विवाद पैदा होता है तो प्रवर्तन टीम इस विवाद में नहीं पड़ेगी और मदद के लिए स्थानीय पुलिस से संपर्क करेगी. अधिकारियों ने बताया कि परिवहन विभाग की टीम और दिल्ली यातायात पुलिस ने 17 नवंबर से दिसंबर के पहले सप्ताह तक करीब 1,900 पुराने वाहनों को जब्त किया है.
दिल्ली परिवहन विभाग ने इस तरह के वाहनों को स्क्रैप कराने लिए सात कंपनियों को अधकृत किया है. विभाग ने एक सार्वजनिक नोटिस में स्पष्ट किया है कि सभी प्रकार के वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्र 15 साल के लिए वैध हैं लेकिन डीजल वाहन दिल्ली में 10 साल से अधिक नहीं चल सकते. दिल्ली में वर्तमान में 38 लाख के क़रीब वाहन 15 साल से अधिक पुराने हैं. इसमें पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 30 लाख से अधिक है, जबकि 15 साल पुराने डीजल वाहनों की संख्या 1.5 लाख है.