कोरोनावायरस: RBI की घोषणा में वाहन लोन EMI से 3 महीने की राहत
हाइलाइट्स
घातक कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई कई मोर्चों पर लड़ी जा रही है. सरकार ने कई स्वास्थ्य उपायों की घोषणा की है, लेकिन 3 सप्ताह के लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था पर भी भारी असर पड़ रहा है. वित्त मंत्री द्वारा इस संकट को कम करने के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा के ठीक एक दिन बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक नें भी इस चुनौतीपूर्ण समय में सहायता के कुछ कदम उठाए हैं. इनमें ऋण अदायगी के नियम और रेपो दर में बदलाव शामिल हैं.
इस उदास समय में जो ख़बर सबसे बड़ी राहत से आई है वो है लोन EMI चुकौती पर 3 महीने की राहत. इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई 3 महीने आगे धकेल दी जाएगी और आपको जून के महीने तक मौजूदा लोन पर किश्तों का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है. इससे निश्चित रूप से उन लाखों वाहन मालिकों को फायदा होने वाला है, जिनकी कार और बाइक पर कर्ज चल रहा है.
RBI द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया कि,"सभी टर्म लोन (कृषि टर्म लोन, रिटेल और क्रॉप लोन सहित), सभी कमर्शल बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, छोटे वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित) के संबंध में, सहकारी बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान, और एनबीएफसी (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों सहित) ("ऋण देने वाली संस्थाएं") को 1 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 के बीच गिरने वाले सभी इंसटॉलमेंट्स के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति है.
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बॉडी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत किया और कहा कि इससे इस कठिन समय में उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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SIAM के अध्यक्ष श्री राजन वढेरा ने RBI गवर्नर श्री शक्तिकांता दास की घोषणाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हम खुश हैं कि SIAM के कई सुझावों जैसे कि ऋण अदायगी में 3 महीने की मोहलत और रेपो रेट कटौती की घोषणा की गई है. इन उपायों से निश्चित रूप से लोगों और व्यवसायों को राहत मिलेगी. हमें उम्मीद है कि बैंक रेपो दर में बदलाव को देखते हूए व्यवसायों और उपभोक्ताओं को ब्याज दरों में कमी करेंगे".