अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नियमों में किए जा सकते हैं बदलाव
हाइलाइट्स
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ऐसे नागरिकों के लिए, जिनकी अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) विदेश में रहने के दौरान ही समाप्त हो गई है, आईडीपी जारी किए जाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के बारे में विचार कर रही हैं. इसके लिए केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 में संशोधन करने के लिए सरकार ने सुझाव आमंत्रित किए हैं. सुझावों को अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर मंत्रालय के पास भेजा जा सकता है जिसके बाद जल्द ही नए नियमों को अंतिम रूप दिया जा सकता है.
सुझावों को अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर मंत्रालय के पास भेजा जा सकता है
ऐसा देखा गया है कि कुछ मामलों में ऐसे नागरिकों के लिए जो विदेश की यात्रा कर रहे हैं और किसी अन्य देश में हैं, उनकी अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट की अवधि समाप्त हो जाने पर विदेश में रहते हुए उसे दोबारा बनाने के लिए कोई तरीका नहीं है. ऐसे नागरिकों को सुविधा देने करने के लिए सीएमवीआर 1989 में संशोधन करने का प्रस्ताव है. बदलावों के बाद नागरिक भारतीय दूतावासों के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इसके बाद उनके आवेदन संबंधित आरटीओ को भेजे जाएंगे.
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इसके अलावा, विदेश में रहते हुए आईडीपी के लिए अनुरोध करने के समय एक चिकित्सा प्रमाण पत्र और वैध वीज़ा की शर्तों को हटाया जाना भी शामिल है क्योंकि जिन नागरिकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस है, उन्हें अन्य चिकित्साप्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. साथ ही कुछ ऐसे देश हैं जहां वीज़ा ऑन अराइवल मिलता है और ऐसे मामलों में यात्रा से पूर्व भारत में आईडीपी के लिए आवेदन करते समय वीज़ा उपलब्ध नहीं होता.