टेस्ला मॉडल 3 भारतीय सड़कों पर फिर नज़र आई, जानें क्या हो सकते हैं इसके मायने
हाइलाइट्स
इस साल की शुरुआत में टेस्ला मॉडल 3 पुणे की सड़कों पर नज़र आई थी और अब यह कार ज़्यादा ग्राउंड क्लियरेंस के साथ नहीं दिखी है जैसी पिछली बार देखी गई थी. दिलचस्प है कि हाल में दिखी दोनों कारें पूरी तरह स्टिकर्स से ढंकी हैं जिसका मतलब है कि टेस्ला भारतीय बाज़ार में आने के लिए अपनी रफ्तार बढ़ा रही है और इनमें से एक टैस्ट मॉडल तो भारतीय की स्थिति के हिसाब से ढाला गया है. इस बार इन दोनों कारों को मुंबई-पुणे ऐक्सप्रेसवे पर देखा गया है.
फिलहाल टेस्ला ने भारत में मॉडल 3 लॉन्च करने की कोई घोषणा नहीं की है. लेकिन टेस्ला की बिक्री भारत में शुरू होने पर पहली कार मॉडल 3 होने वाली है, क्योंकि वैश्विक बाज़ार में यह कंपनी की सबसे सस्ती कार है. चूंकि टेस्ला कारों का उत्पादन भारत में नहीं किया जा रहा, ऐसे में कंपनी चीन की गीगाफैक्ट्री में बनी कारों को देश में पूरी तरह आयात करके बेच सकती है. ऐसा करने से टेस्ला कारों पर 100 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी जिससे टेस्ला इलेक्ट्रिक कारें महंगी होंगी और कीमत के मामले में जर्मनी की प्रिमियम लग्ज़री कार निर्माताओं के वाहनों का इससे मुकाबला होगा.
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कुछ दिन पहले ही इलोन मस्क ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारत में लागू नियमों की जमकर आलोचना की थी और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के बाज़ार को बढ़ावा मिल सके, इसके लिए नियमों में बदलाव की बात कही थी. कुछ महीने पहले ही टेस्ला ने भारत में कंपनी रजिस्टर कराई है और सुनने में आया है कि भारत सरकार इलोन मस्क की मांग पर काम शुरू कर चुकी है. इसके अंतर्गत भारत में आयात किए जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी में कुछ राहत दी जा सकती है. बता दें कि बिना किसी टैक्स के आग ग्राहक के लिए टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार काफी उपयुक्त विकल्प बन सकती है. दक्षिण एशियाई बाज़ार के लिए 25,000 डॉलर की इलेक्ट्रिक हैचबैक बनाने का ऐलान भी इलोन मस्क कर चुके हैं जो ज़्यादातर ग्राहकों के दायरे में आ सकेगी.