सुप्रीम कोर्ट ने बीएस 4 वाहनों की बिक्री और रेजिस्ट्रेशन पर ऑटोमोबाइल एसोसिएशन को लगाई फटकार
हाइलाइट्स
उच्चतम न्यायालय ने आज ऑटोमोबाइल संघों को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उन्होंने अदालत द्वारा जारी मार्च के आदेश का उल्लंघन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने भारत में BS4 वाहनों की बिक्री के लिए 31 मार्च की समयसीमा में ढील देते हुए लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के बाद 10 दिन की मोहलत दी थी. इस दौरान कंपनियां केवल 10 % वाहन ही बेच सकती थीं और बिक्री के 10 दिनों के भीतर वाहनों को पंजीकृत करना ज़रूरी था. साथ ही यह भी कहा गया था कि दिल्ली एनसीआर में मार्च 31, 2020 के बाद कोई भी बीएस 4 वाहन नहीं बेचा जा सकता है.
ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) को 19 जून तक बिके हुए बीएस 4 वाहनों की जानकारी देनी है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने 1.05 लाख बीएस 4 वाहनों की बिक्री और रेजिस्ट्रेशन की अनुमति दी और अब यह संख्या पार हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब तक 2.55 लाख से अधिक BS4 वाहन बेचे गए हैं. कोर्ट ने 27 मार्च, 2020 को आदेश लागू होने के बाद फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) से बीएस 4 वाहनों की बिक्री के आंकड़े पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही सड़क परिवहन मंत्रालय से भी 27 मार्च के आदेश के बाद बेचे और पंजीकृत किए बीएस 4 वाहनों के बारे मे जानकारी मांगी गई है.
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सड़क परिवहन मंत्रालय से अब तक बेचे गए बीएस 4 वाहनों के बारे मे जानकारी मांगी गई है.
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) और सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने BS4 वाहनों की बिक्री के लिए 31 मार्च की समय सीमा बढ़ाने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था. FADA ने तर्क दिया था कि 15,000 यात्री कारों, 12,000 कमर्शल वाहन और 7 लाख 2-पहिया वाहन पहले उद्योग में मंदी और बाद में कोरोनॉयरस महामारी के कारण शोरूम में खड़े थे. FADA ने मई के अंत तक ऐसे वाहनों की बिक्री और पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी.