जेके टायर के मैसूर स्थित प्रोडक्शन प्लांट ने अपने 25 साल पूरे किये
हाइलाइट्स
मैसूर में जेके टायर के स्वामित्व वाले प्रोडक्शन प्लांट विक्रांत ने अपने 25 साल पूरे कर लिए हैं, घरेलू टायर निर्माता ने 1997 में प्लांट का अधिग्रहण किया था और इसे अत्याधुनिक प्लांट में बदल दिया था. आज की तारीख में जेके टायर ने प्लांट का आधुनिकीकरण करने के लिए करीब ₹2,000 करोड़ का निवेश किया है, जिससे कर्नाटक में लगभग 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है. प्लांट ने अकेले ही कंपनी की तरफ से राज्य के खजाने को ₹8,000 करोड़ से ज्यादा का योगदान दिया है.
यह भी पढ़ें: जेके टायर और ह्यून्दे की साझेदारी, अब कंपनी के टायरों पर दौड़ेगी एल्कज़ार एसयूवी
जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और एमडी रघुपति सिंघानिया ने कहा, “1977 में जब हमने राजस्थान में 5 लाख टायरों की वार्षिक क्षमता के साथ अपना पहला टायर प्लांट स्थापित किया, तब से हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं. 1997 में, हमने राज्य के स्वामित्व वाले विक्रांत प्लांट का अधिग्रहण किया और इसे अत्याधुनिक प्लांट में बदल दिया. आज विक्रांत भारत में हमारी विकास गाथा का प्रमाण है और जेके टायर के 12 प्लांट में से एक होने के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है."
यह भी पढ़ें: किआ की जेके टायर से साझेदारी, कंपनी के टायरों पर दौड़ेगी सेल्टोस
एक ग्रीन कंपनी के रूप में पहचानी जाने वाली जेके टायर ने 5पी प्लेटफॉर्म यानी पीपुल, प्लैनेट, प्रोसेस, प्रोडक्ट और प्रॉस्पेरिटी पर आधारित जीवन शैली के रूप में सस्टेनेबिलिटी को अपनाया है. कंपनी ने मैसूरु सेंट्रल जेल में वयस्क साक्षरता और कौशल विकास, मैसूरु और हुनसुक तालुक में 9 झीलों और 34 खेत तालाबों के कायाकल्प के साथ-साथ पशुपालन, फूलों की खेती, आजीविका का समर्थन करने के लिए आम के पेड़ लगाने सहित कई कार्यक्रम चलाए हैं.
यह भी पढ़ें: जेके टायर ने अमेज़न पर स्मार्ट टायर्स की नई रेंज लॉन्च की
स्वच्छ भारत अभियान के तहत करीब 1,000 शौचालय बनाए गए, जिससे 15 गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए. मैसूरु में बुनियादी शिक्षा प्रदान करने के लिए कई सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का नवीनीकरण किया गया है.