2021 इंडियन ब्लू बुक रिपोर्टः अगले 5 साल में व्यापक रूप से बढ़ेगा यू़ज़्ड कार बाज़ार
हाइलाइट्स
2021 इंडियन ब्लू बुक सामने आ चुकी है जो भारत के सेकेंड हैंड कार बाज़ार की सटीक बातें ऐक्सक्लूसिव जानकारी और एनालिसिस के माघ्यम से करती है. 2021 इंडियन ब्लू बुक की रिपोर्ट में जो सबसे बड़ा खुलासा हुआ है वो यह है कि आने वाले सालां में इस्तेमाल की हुईं यानी सेकेंड हैंड कारों का बाज़ार भारत में बहुत आगे जाएगा. वित्त वर्ष 2020 में इस्तेमाल की हुई कारों का बाज़ार देश में नई कारों के बाज़ार से 50 प्रतिशत बड़ा था, और वित्त वर्ष 2025 तक यह बाज़ार नई कारों के बाज़ार के मुकाबले 90 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. इस समय तक कुल 71 लाख पुराने वाहन बेचे जाने का पूर्वानुमान लगाया गया है जिसमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है.
नई कारों के मुकाबले इस्तेमाल की गई कारों की खरीद का यह आंकड़ा सेकेंड हैंड कारों के व्यापार के बढ़ते चलन का सूचक है. भारत में नए और यूज़्ड कार बाज़ार का यह अंतर वित्त वर्ष 2016-19 के बीच सवा गुना था जो फासला वित्त वर्ष में बढ़कर डेढ़ गुना हो गया है. इससे यह साबित होता है कि देश में नई कारों की जगह पुरानी कारों को ग्राहकों द्वारा ज़्यादा प्राथमिकता दी जा रही है. प्री-ओन्ड कार बाज़ार का यह दौर 2021 में भी जारी रहने का अनुमान है और माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक यह 2.2 गुना तक बढ़ेगा.
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रिपोर्ट में सामने आया है कि कोविड-19 महामारी के बाद से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले लोगों ने अब निजी वाहनों की ओर रुख़ कर लिया है, ऐसे में सेकेंड हैंड कारों का व्यापार बढ़ने की सबसे बड़ी वजह यही हो सकती है. दूसरा बड़ा पहलू यह है कि इस बाज़ार में बिक्री का जो प्रारूप था वो अव्यवस्थित से व्यवस्थित स्थिति में आ गया है और यहां भी ग्राहकों को करीब-करीब नई कार खरीदने जैसी ही सुविधाएं पुरानी कार के साथ भी मुहैया कराई जा रही हैं. इन्हें खरीदने के लिए आप शोरूम में जाने लगे हैं, इनपर वॉरंटी दी जाने लगी है, विश्वस्नीय विक्रेता द्वारा पुरानी कारें बेची जाने लगी हैं. इसके अलावा माहामारी के बाद मध्यम वर्गीय ग्राहक छोटे बजट के साथ इस्तेमाल की हुई बेहतर कारें खरीदने में ज़्यादा दिलचस्पी दिखा रह हैं.