1997-98 के बाद सबसे बुरे स्तर पर पहुंची देश के ऑटोमोबाइल सैक्टर की मासिक बिक्री
हाइलाइट्स
अगस्त 2019 में आए ऑटो सैक्टर की बिक्री के आंकड़े इस इंडस्ट्री की बहुत बुरी दशा को दर्शा रहे हैं जो कुछ समय पहले ही मेक-इन-इंडिया का चमकदार हिस्सा थी. अगस्त 2019 के आंकड़े बताते हैं कि 1997-98 के बाद बिक्री में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है. दो-पहिया वाहनों की बिक्री 2 साल में सबसे कम आंकी गई है. पैसेंजर वाहनों की कुल बिक्री में 31.57% की गिरावट देखी गई है, अगस्त 2018 में बिके 2,87,198 यूनिट वाहन के मुकाबले अगस्त 2019 में कंपनी 1,96,524 वाहन बेच पाई है. इनमें सबसे ज़्यादा घाटा पैजेंजर कार बिक्री में हुआ है जिसमें 41.09% गिरावट दर्ज की गई है. शुक्र है कि यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में मामूली 2.2% की गिरावट देखी गई है. वैन सैगमेंट में भी इंडस्ट्री ने भारी 47.36% की कमी दर्ज की है.
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भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने थ्री-व्हीलर्स की बिक्री में 22.24% की गिरावट दर्ज की है, अगस्त 2018 में बिकी 19,47,304 यूनिट के मुकाबले अगस्त 2019 में 15,14,196 यूनिट बिक पाई हैं. स्कूटर्स, मोटरसाइकल और मोपेड की बिक्री में क्रमशः 22%, 22 % और 21% की कमी देखी गई है. मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में भी भारी कमी आई है और 54.3% की कमी के साथ कंपनियों ने अगस्त 2019 में महज़ 15,573 वाहन बेचे हैं जो आंकड़ा पिछले साल इसी समय 34,073 पर था. हल्के कमर्शियल वाहनों की बिक्री में भी 28.21% की गिरावट दर्ज की गई है.
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कुल मिलाकर भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री ने अगस्त 2019 में 97,32,040 वाहन बेचे हैं जो आंकड़ा अगस्त 2019 में 1,15,70,401 वाहन था और ये 15.89% की गिरावट दिखाता है. ये आंकड़ा दिखने में मामूली लगता है लेकिन इसका बहुत बुरा असर इंडस्ट्री पर पड़ा है और बाज़ार का हर सैगमेंट मंदी की मार झेल रहा है जिससे बिक्री का आंकड़ा भी गर्त में जा रहा है. बाज़ार को ध्यान से देखें तो इंडस्ट्री का हर सैगमेंट बिक्री में भारी गिरावट दर्ज कर रहा है जिससे लोगों की नौकरियां जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है.