ऑटो सैक्टर पर नहीं थम रहा आर्थिक मंदी का असर, अगस्त के परिणाम चिंताजनक - SIAM प्रेसिडेंट
हाइलाइट्स
आर्थिक मंदी का भारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार पर लगातार बुरा असर पड़ रहा है और लगभग 10 महीनों से कंपनियां बिक्री में कमी दर्ज कर रही हैं. अगस्त 2019 में बिक्री के आंकड़े बताते हैं कि सबसे बड़ी ऑटोमोटिव कंपनियां भी मंदी की चपेट में आई हैं और मारुति सुज़ुकी, टाटा मोटर्स और ह्यूंदैई ने बिक्री में क्रमशः 34.4%, 58% और 16.58% गिरावट दर्ज की है. देश में टॉप की 6 कंपनियों ने अगस्त 2019 में कुल 1 लाख 71 हज़ार 193 वाहन डीलरशिप भेजे, वहीं पिछले साल इसी अगस्त में इन्हीं 6 कंपनियों ने 2 लाख 59 हज़ार 925 यूनिट डीलरशिप पर भेजी थी जिससे वॉल्यूम में 34% की गिरावट दर्ज हुई है. इसी बीच टू-व्हीलर निर्माता कंपनी हीरो और बजाज ने भी बिक्री में 20% और 13% कमी दर्ज की है.
SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) के प्रेसिडेंट राजन वाधेरा ने इन परिणामों को काफी चिंताजनक बताया है. उन्होंने कहा कि, “कई महीनों से बहुत सी कंपनियां बिक्री में गिरावट दर्ज कर रही हैं और अगस्त 2019 में आए कंपनियों के पैसेंजर व्हीकल के आकांड़े 30% गिरावट तक पहुंच गए हैं. कमर्शियल वाहनों और टू-व्हीलर्स की बिक्री में भी कमी दर्ज की गई है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि मंदी से कंपनियों को उबारने के लिए माननीय वित्त मंत्री ने जो भी कदम उठाए हैं उसपर बाज़ार प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है.”
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पिछले महीने ही आर्थिक मंदी से उबरने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई सारी घोषणाएं की थी जिसमें क्रडिट उपलब्ध कराने से लेकर BS4 वाहनों के लिए ग्राहकों को बढ़ावा देना और बढ़ा हुआ 15% डेप्रिसिएशन शामिल है. जल्द से जल्द इस मंदी से उबरने के लिए सरकार GST में कुछ समय के लिए कमी कर सकती है जिससे बाज़ार स्थिर हो सके, इसपर हाल में चेन्नई मीडिया से बातचीत के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि, “GST में कमी के लिए इसे GST काउंसिल भेजना होगा जहां सभी राज्यों के वित्त मंत्री एकत्र होंगे. ये उनका निर्णय होगा. मैंने ऑटोमेकर्स से कहा है कि मैं इसे GST काउंसिल तक लेकर जाउंगी, लेकिन फिर भी अंतिम निर्णय उनका ही होगा. मैं इसपर GST काउंसिल के फैसले का इंतज़ार करूंगी.”