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महाराष्ट्र में भारत सीरीज़ नंबर पाने के लिए बने नए नियम नहीं होंगे लागू

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BH Series Number Plate: Bombay High Court Revokes State’s Circular Imposing Additional Conditions
हाल ही में जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और फिरदोश पूनीवाला की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि सर्कुलर "बिना किसी अधिकार के जारी किया गया था और इसलिए, त्रुटिपूर्ण और अवैध था."
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित अप्रैल 24, 2024

हाइलाइट्स

  • बॉम्बे HC ने BH सीरीज वाहन रजिस्ट्रेशन पर नई शर्तों को रद्द कर दिया है
  • निवासियों द्वारा सर्कुलर को अप्रचलित और अनुचित बताया गया
  • अदालत का यह फैसला एक सिविल जज द्वारा दायर याचिका के जवाब में आया

खासतौर से महाराष्ट्र में अपने रजिस्ट्रेशन को भारत (BH) नंबर सीरीज़ में बदलने की मांग करने वाले वाहन मालिकों को एक महत्वपूर्ण राहत मिली है, क्योंकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने फरवरी 2024 में राज्य के परिवहन आयुक्त द्वारा जारी एक सर्कुलर को अमान्य कर दिया. सर्कुलर की निवासियों द्वारा अप्रचलित और अनुचित के रूप में आलोचना की गई, जिसमें (BH) सीरीज़ वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदनों की एप्लिकेशन के लिए खास शर्तें लगाई गईं थीं.

 

सर्कुलर के आदेशों के तहत, BH सीरीज़ रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को न केवल अपना आधिकारिक पहचान पत्र देना था, बल्कि उन राज्यों में अपने कार्यकाल के दौरान मिलने वाली इनकम के प्रमाण के साथ-साथ अन्य राज्यों में उनकी उपस्थिति और रोजगार को दर्शाने वाला प्रमाण पत्र भी देना था. हालाँकि, न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की बेंच के हालिया फैसले में कहा गया कि सर्कुलर “बिना किसी अधिकार के जारी किया गया था और इसलिए, त्रुटिपूर्ण और अवैध था.”

BH numberplate 1

बॉम्बे HC ने BH सीरीज वाहन रजिस्ट्रेशन पर नई शर्तों को रद्द कर दिया है

 

12 अप्रैल को दिया गया अदालत का फैसला एक सिविल जज द्वारा सर्कुलर की वैधता और BH सीरीज़ के तहत उनके रजिस्ट्रेशन आवेदन की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में आया था. भारत सरकार द्वारा 2021 में पेश की गई, BH सीरीज़ का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहन पंजीकरण प्रक्रियाओं को सरल बनाना है.

 

BH भारत सीरीज़ नंबरप्लेट के बारे में बतायें तो यह गैर-परिवहन वाहनों के लिए एक इंट्रीग्रेटेड रजिस्ट्रेशन सिस्टम के रूप में कार्य करता है, जिससे की राज्यों के बीच में रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करवाने की आवश्यकता खत्म हो जाती है. शुरुआत में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और रक्षा कर्मियों के लिए BH सीरीज़ दी गई थी, बाद में उन व्यक्तियों को शामिल करने के लिए अपने पात्रता मानदंडों का विस्तार किया जो अक्सर राज्यों में यात्रा करते हैं.

 

एक बार प्राप्त होने के बाद BH सीरीज़ नंबर एक राष्ट्रव्यापी पहचानकर्ता के रूप में कार्य करते हैं, जिससे राज्य के लिए खास रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता समाप्त हो जाती है. BH सीरीज़ रजिस्ट्रेशन के लिए पात्रता सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के कर्मचारियों और कम से कम चार राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में काम करने वाली निजी कंपनियों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों तक बढ़ा दी गई है.

 

एएनआई के इनपुट्स के साथ

फोटो आभार

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