बीआरओ लद्दाख में अब नागरिकों से वसूलेगी टोल टैक्स
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हाइलाइट्स
हम सभी जानते हैं कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने दूर दराज के इलाकों को जोड़ने के लिए कुछ बेहरीन काम किया है. इनमें हिमाचल के रोहतांग से आगे अत्याधुनिक अटल सुरंग, और उमलिंग ला में 52 किमी लंबी पक्की सड़क उदाहरण हैं. यह अब भारत में सबसे ऊंची वाहनों के योग्य पक्की सड़क है. सशस्त्र बलों की आवाजाही की सुविधा के लिए भी बीआरओ देश के कुछ दूरस्थ स्थानों में सड़कों के निर्माण और सड़क के बुनियादी ढांचे को आकार देने के लिए कार्य करती रही है. बीआरओ द्वारा निर्मित ये सड़कें इन स्थानों में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करती हैं और नागरिकों द्वारा बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती हैं. इसलिए बीआरओ अब लद्दाख में चार प्रमुख स्थानों पर नागरिकों से टोल लेना शुरू कर देगा और जमा धन का उपयोग मुख्य रूप से इन मार्गों के रखरखाव के लिए किया जाएगा.
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बीआरओ ने विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगे हिमालयी राज्यों में टोल वसूलना शुरू करने की योजना बनाई है. यह चार मार्गों से शुरू करने और लद्दाख में 941 किमी की दूरी को कवर करने की योजना बना रहा है, जिसमें लेह-श्रीनगर राजमार्ग और नुब्रा घाटी में स्थित चालुनका में लेह की लिंक रोड शामिल है. इस मार्ग पर छह टोल प्लाजा के लिए बीआरओ को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. हालांकि, इस कदम का कारगिल हिल काउंसिल के प्रमुख फिरोज खान ने विरोध किया है, जिन्होंने इस बारे में परामर्श के लिए कहा है. इस मार्ग का उपयोग स्थानीय लोगों द्वारा दैनिक आधार पर किया जाता है, लेकिन बाहर से भी यहां भारी यातायात आता है, खासकर जून से सितंबर की अवधि में, जब राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जाती है.
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बीआरओ ने जोजी ला से गुजरने वाले श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर तीन स्थानों में टोल वसूलने का प्रस्ताव दिया है, जहां एक नई सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. कारगिल से 39 किमी दूर लेह की दिशा में और सिंधु और ज़ांस्कर नदियों के संगम के करीब मुलबेक में भी एक नया टोल आएगा. हिमाचल प्रदेश में दारचा के पास श्रीनगर-लेह राजमार्ग से जोड़ने वाले शिंकू ला के माध्यम से सड़क पर पदुम में भी टोल रखने का प्रस्ताव तय किया गया है.
सूत्र : टाइम्स ऑफ इंडिया