मनाली-लेह हाईवे समय से पहले ट्रैफिक के लिए खोला गया
हाइलाइट्स
एक बड़ी कामयाबी में सीमा सड़क संगठन समय से कुछ दिन पहले ही रणनीतिक मनाली-लेह राजमार्ग को खोलने में सफल रहा है. यह कोरोनवायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन से उत्पन्न हुई चुनौतियों के बावजूद किया गया है. हिमाचल प्रदेश-लद्दाख सीमा पर स्थित सरचू में वाहनों के पहले जत्थे को लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 475 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग पर हर साल 6 महीने से अधिक समय तक बर्फ पड़ी रहती है और गर्मियों का मौसम आने पर सीमा सड़क संगठन मोटी बर्फ को हटाने में जुट जाती है.
लेह से मनाली तक के 475 किलोमीटर के मार्ग पर 5 ऊँचे पहाड़ी दर्रे हैं
राजमार्ग के फिर से खुलने से आवश्यक सामान के साथ-साथ कर्मियों को लेह ले जाने की प्रक्रिया में आसानी होगी. बर्फ की निकासी के लिए विशेष सैनिकों को शामिल करने के बाद, फरवरी के महीने में काम शुरू किया गया था और इस मार्ग पर पड़ने वाले 5 पासों को एक-एक करके बर्फ से साफ किया गया. 17,582 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मार्ग के सबसे उंचे प्वाइट तांगलांगला को मार्च के पहले सप्ताह में साफ किया गया. बारालाचला जो समुद्र तल से 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है इस महीने की शुरुआत सबसे आख़िर में साफ हुआ.
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मनाली-लेह राजमार्ग पर पड़ने वाले तीन अन्य ऊंचे पास हैं लाचलुंगला जो 16,600 फीट पर है, नकीला जिसकी उंचाई 15,647 फीट है और रोहतांग जो समुद्र तल से 13,050 फीट पर है. सीमा सड़क संगठन के दीपक और हिमांक परियोजनाओं ने हर तरह की बाधाओं से पूरे मार्ग को साफ करने के लिए कुछ उच्च तकनीक वाली मशीनों का उपयोग किया. रोहतांग को बाईपास करने वाली एक सुरंग भी पूरी होने वाली है और निकट भविष्य में उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी.
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