बजट 2018: ऑटो इंडस्ट्री पर नहीं पड़ा 2018 के बजट का कोई असर, जानें क्या बोले वित्त मंत्री
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की काफी उम्मीदें थीं कि सरकार बजट सत्र में फिलहाल लगाए जा रहे GST में कई सारे बदलाव कर सकती है, लेकिन बजट 2018 में भारत सरकार ने ऑटो इंडस्ट्री पर लगने वाले GST में कोई बदलाव नहीं किया है. सरकार ने इलैक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी इस बजट में कोई घोषणा नहीं की है. टैप कर पढ़ें पूरी खबर.
हाइलाइट्स
भारत में सभी कार निर्ताता कंपनियों की नज़र बजट 2018 पर टिकी हुई थीं, ऐसे में आगामी चुनाव से पहले इस सरकार का यह आखरी बजट है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की काफी उम्मीदें थीं कि सरकार इस बजट सत्र में फिलहाल लगाए जा रहे GST में कई सारे बदलाव कर सकती है, लेकिन बजट 2018 में भारत सरकार ने ऑटो इंडस्ट्री पर लगने वाले GST में कोई बदलाव नहीं किया है. इंडस्ट्री की उम्मीदों से अलग भारत सरकार ने जो बजट पेश किया है उसमें टैक्स सट्रक्चर फिलहाल लग रहे टैक्स वाला ही होगा. बता दें कि जुलाई 2017 से भारत सरकार ने GST लागू किया जिसमें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर काफी ज़्यादा प्रभाव पड़ा था. नए टैक्स रिफॉर्म में लग्ज़री और 4-मीटर से बड़ी कारों पर लगने वाले टैक्स से एसयूवी, फुल-साइज़ सिडान और लग्ज़री कारों की कीमत काफी बढ़ गई थी.
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लग्ज़री कार कंपनियां इसी उम्मीद में थीं कि सरकार बजट 2018 में लग्ज़री कारों पर लगने वाले GST में बदलाव करेगी. लेकिन सरकार ने सिडान पर लगने वाले 48% और एसयूवी पर लगने वाले 50% GST को बरकरार रखा है. सरकार से ऑटो इंडस्ट्री की मांग थी कि सरकार न सिर्फ संबंधित कारों पर लगने वाले टैक्स को कम करे, बल्कि रोड टैक्स जैसे अन्य करों को भी खत्म कर दे. इसपर भारत सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है, साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि, “प्रोसेसिंग, इलैक्ट्रॉनिक्स, ऑटो कलपुर्ज़े, फुटवेयर और फर्निचर ऐसे सैक्टर हैं जिनमें घरेलू दर पर ग्रोथ की क्षमता है. घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए मैं कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की सिफारिश करता हूं.”
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साफ है कि भारत सरकार ने जहां भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बजट 2018 में कोई राहत नहीं दी है, वहीं कस्टम ड्यूटी बढ़ने को लेकर सरकार की मानें तो मेक इन इंडिया कैम्पेन को बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाने की बात कही गई है. इसके साथ ही भारत में जल्द ही इलैक्ट्रिक वाहन ज़ोर पकड़ें और इंडस्ट्री में ज़्यादा तेज़ी से ईवी की संख्या बढ़े, इसके लिए भी सरकार से ईवी पर GST को 5% पर लाने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन सरकार ने इलैक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी इस बजट में कोई घोषणा नहीं की है. कुल-मिलाकर ऑटो इंडस्ट्री के लिए GST और सैस में कोई बदलाव नहीं होने से बजट 2018 वाहन निर्माता कंपनियों के लिए निराशाजनक रहा है.
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लग्ज़री कार कंपनियां इसी उम्मीद में थीं कि सरकार बजट 2018 में लग्ज़री कारों पर लगने वाले GST में बदलाव करेगी. लेकिन सरकार ने सिडान पर लगने वाले 48% और एसयूवी पर लगने वाले 50% GST को बरकरार रखा है. सरकार से ऑटो इंडस्ट्री की मांग थी कि सरकार न सिर्फ संबंधित कारों पर लगने वाले टैक्स को कम करे, बल्कि रोड टैक्स जैसे अन्य करों को भी खत्म कर दे. इसपर भारत सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है, साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि, “प्रोसेसिंग, इलैक्ट्रॉनिक्स, ऑटो कलपुर्ज़े, फुटवेयर और फर्निचर ऐसे सैक्टर हैं जिनमें घरेलू दर पर ग्रोथ की क्षमता है. घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए मैं कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की सिफारिश करता हूं.”
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साफ है कि भारत सरकार ने जहां भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बजट 2018 में कोई राहत नहीं दी है, वहीं कस्टम ड्यूटी बढ़ने को लेकर सरकार की मानें तो मेक इन इंडिया कैम्पेन को बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाने की बात कही गई है. इसके साथ ही भारत में जल्द ही इलैक्ट्रिक वाहन ज़ोर पकड़ें और इंडस्ट्री में ज़्यादा तेज़ी से ईवी की संख्या बढ़े, इसके लिए भी सरकार से ईवी पर GST को 5% पर लाने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन सरकार ने इलैक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी इस बजट में कोई घोषणा नहीं की है. कुल-मिलाकर ऑटो इंडस्ट्री के लिए GST और सैस में कोई बदलाव नहीं होने से बजट 2018 वाहन निर्माता कंपनियों के लिए निराशाजनक रहा है.
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