दिल्ली सरकार की राष्ट्रीय राजधानी में दूसरे राज्यों की टैक्सियों पर रोक लगाने की योजना
हाइलाइट्स
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की बढ़ती गंभीरता के साथ दिल्ली सरकार यात्री वाहनों की आवाजाही पर नए प्रतिबंध लागू करने पर विचार कर रही है. नए कदम ऐप-आधारित टैक्सी सर्विस पर केंद्रित है, जिसमें गैर-दिल्ली रजिस्ट्रेशन टैक्सियों को दिल्ली में चलने या प्रवेश करने से रोकने की योजना है. यह खबर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को केवल दिल्ली-रजिस्टर्ड टैक्सियों को राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर चलने की अनुमति देने पर विचार करने के लिए कहने के तुरंत बाद आई है.
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पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली परिवहन विभाग को उक्त प्रतिबंध लगाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं, हालांकि आधिकारिक विस्तृत आदेश अभी तक लागू नहीं किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंध तत्काल होगा या ऑड-ईवन योजना के दौरान लागू होगा. क्या यह लागू हो जाता है, ओला और उबर जैसे ऐप-आधारित एग्रीगेटर्स को केवल दिल्ली-रजिस्टर्ड टैक्सियों को राष्ट्रीय राजधानी में चलाने की अनुमति होगी, जिससे कैब की उपलब्धता में बाधा आ सकती है.
ऑड-ईवन योजना भी फिलहाल टलती नजर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने हालिया सुनवाई में योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया और वह योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा करेगा और इसके आधार पर आदेश जारी करेगा. इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है, जिसमें दिल्ली सरकार की शीर्ष अदालत के आदेशों के आधार पर योजना को लागू करने पर विचार करेगी. ऑड-ईवन योजना 13 नवंबर से 20 नवंबर के बीच लागू करने की तैयारी थी.
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए एनसीआर क्षेत्र में वर्षा कराने के लिए क्लाउड सीडिंग के विकल्प पर भी विचार किया है. बुधवार और गुरुवार की सुबह दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में रहा और 400 के आसपास या उससे अधिक रहा.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी आज बाद में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के मुद्दों पर चर्चा के लिए सभी मंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं.
Last Updated on November 9, 2023