दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत नए कैब पंजीकरणों को इलेक्ट्रिक करने का प्रस्ताव
हाइलाइट्स
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के एक मसौदा नोट के अनुसार, एक चौथाई नई कैब का पंजीकरण इलेक्ट्रिक वाहन में करवाने का प्रस्ताव दिया है, प्रस्ताव में ओला और उबर जैसे कैब ऑपरेटरों और फ़ूड डिलिव्री ऐप स्विगी और जोमैटो सहित परिवहन या डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने वाले ऐप्स को कानून लागू होते ही दिल्ली सरकार के साथ पंजीकृत करवाना अनिवार्य हो जाएगा.
दिल्ली सरकार ने मसौदे पर हितधारकों से टिप्पणी मांगी है, जिसमें पहले साल में कैब ऑपरेटरों और फ़ूड डिलिव्री ऐप्स की ओर से खरीदे जाने वाले टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहनों में 50 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन होने चाहिए.
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भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली और उसके आसपास परिवहन क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलने वाला क्षेत्र है, इस वजह से ही दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है, इसके बाद उद्योगों और उपयोगिताओं का स्थान आता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कैब दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले प्रमुख स्रोतों में से एक हैं, ओला और उबर जैसी राइड हीलिंग कंपनियों द्वारा संचालित प्रत्येक कैब औसतन प्रत्येक साल लगभग 145,000 किमी (90,000 मील) की यात्रा करती है.
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यदि मसौदा को मंजूरी मिल जाती है, तो दिल्ली के नागरिकों और पब्लिक हेल्थ सिस्टम के खर्च में कमी आएगी. पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के कारण हर साल स्वास्थ्य देखभाल में लाखों डॉलर खर्च होते हैं.
इस कदम से गैसोलीन, प्राकृतिक गैस और डीजल जैसी जीवाश्म ईंधन की मांग को भी कम किया जा सकेगा.
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मसौदे में उन कंपनियों पर जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव है जो इस योजना का पालन नहीं करेगी.
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