लॉगिन

दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत नए कैब पंजीकरणों को इलेक्ट्रिक करने का प्रस्ताव

ओला और उबर जैसे कैब ऑपरेटरों और फ़ूड डिलिव्री ऐप स्विगी और जोमैटो सहित परिवहन या डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने वाले ऐप्स को कानून लागू होते ही दिल्ली सरकार के साथ पंजीकृत करवाना अनिवार्य हो जाएगा
Calendar-icon

द्वारा कारएंडबाइक टीम

clock-icon

2 मिनट पढ़े

Calendar-icon

प्रकाशित जनवरी 27, 2022

हमें फॉलो करें

google-news-icon
Story

हाइलाइट्स

    दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के एक मसौदा नोट के अनुसार, एक चौथाई नई कैब का पंजीकरण इलेक्ट्रिक वाहन में करवाने का प्रस्ताव दिया है, प्रस्ताव में ओला और उबर जैसे कैब ऑपरेटरों और फ़ूड डिलिव्री ऐप स्विगी और जोमैटो सहित परिवहन या डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने वाले ऐप्स को कानून लागू होते ही दिल्ली सरकार के साथ पंजीकृत करवाना अनिवार्य हो जाएगा.

    दिल्ली सरकार ने मसौदे पर हितधारकों से टिप्पणी मांगी है, जिसमें पहले साल में कैब ऑपरेटरों और फ़ूड डिलिव्री ऐप्स की ओर से खरीदे जाने वाले टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहनों में 50 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन होने चाहिए. 

    यह भी पढ़ें : दिल्ली की नई एग्रिग्रेटर नीति के नियम सामने आए, चालक के लिए कम से कम 3.5 रेंटिग होगी जरूरी

    भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली और उसके आसपास परिवहन क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलने वाला क्षेत्र है, इस वजह से ही  दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है, इसके बाद उद्योगों और उपयोगिताओं का स्थान आता है.

    रिपोर्ट में कहा गया है कि कैब दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले प्रमुख स्रोतों में से एक हैं, ओला और उबर जैसी राइड हीलिंग कंपनियों द्वारा संचालित प्रत्येक कैब औसतन प्रत्येक साल लगभग 145,000 किमी (90,000 मील) की यात्रा करती है.

    यह भी पढ़ें : दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की सभी जानकारी के लिए पोर्टल लॉन्च किया

    यदि मसौदा को मंजूरी मिल जाती है, तो दिल्ली के नागरिकों और पब्लिक हेल्थ सिस्टम के खर्च में कमी आएगी. पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के कारण हर साल स्वास्थ्य देखभाल में लाखों डॉलर खर्च होते हैं.

    इस कदम से गैसोलीन, प्राकृतिक गैस और डीजल जैसी जीवाश्म ईंधन की मांग को भी कम किया जा सकेगा.

    यह भी पढ़ें : दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लोन पर देगी 5 फीसदी की छूट

    मसौदे में उन कंपनियों पर जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव है जो इस योजना का पालन नहीं करेगी.

    (यह कहानी NDTV स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से स्वतः उत्पन्न होती है।)

    Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.

    पुरानी कारों पर शानदार डील

    सभी यूज़्ड कार देखें

    अपकमिंग कार्स

    अपकमिंग बाइक्स

    और ज्यादा खोजें