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भविष्य में केवल इलेक्ट्रिक कारों को ही मिलेगा दिल्ली में कैब का दर्जा: सरकार

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "दिल्ली में 1 अप्रैल 2030 तक कैब और अन्य ई-कॉमर्स संस्थाओं के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन ही होंगे."
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित अप्रैल 10, 2023

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Story

हाइलाइट्स

    दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग जल्द ही टैक्सी/कैब एग्रीगेटर्स, फूड डिलेवरी कंपनियों और ई-कॉमर्स संस्थाओं के लिए एक नई नीति पेश करेगा जो उन्हें इस दशक के अंत तक एक पूर्ण-इलेक्ट्रिक फ्लीट में बदलने के लिए अनिवार्य करेगा. दिल्ली परिवहन विभाग चरणबद्ध तरीके से जीरो एमिशन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने की योजना बना रहा है.

     

    दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "दिल्ली में 1 अप्रैल 2030 तक कैब और अन्य ई-कॉमर्स संस्थाओं के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रिक फ्लीट होगा. हमने पहले ही इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल कर ली है क्योंकि दिल्ली भारत में सबसे बड़ा ईवी बाज़ार है."

     

    "हम तेज गति से और सस्ती कीमतों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार कर रहे हैं. ईवी के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है. मुख्य विचार दिल्ली को वायु प्रदूषण मुक्त बनाना है और हमने पिछले कुछ वर्षों में अच्छे ईवीएस को बढ़ावा देकर परिणाम देखे हैं. आने वाले वर्षों में दिल्ली की हवा इसके कारण बेहतर होगी." मंत्री ने आगे जोड़ा.

     

    मामले की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि एग्रीगेटर ड्राफ्ट पॉलिसी कानून विभाग द्वारा पारित कर दी गई है और परिवहन विभाग और उपराज्यपाल से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू करने के लिए तैयार किया जाएगा. इसके अलावा, मसौदे में मौजूदा पेट्रोल, डीजल और सीएनजी कैब को चरणबद्ध तरीके से हटाने का प्रावधान है.

     

    इसका मतलब यह है कि अधिसूचना के छह महीने के भीतर एग्रीगेटर्स द्वारा अधिग्रहित नए बेड़े का लगभग पांच प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहन होना चाहिए. यह नौ महीने के भीतर 15 फीसदी, एक साल के अंत तक 25 फीसदी, दो साल के अंत तक 50 फीसदी, तीन साल के अंत तक 75 फीसदी और चार साल के अंत तक 100 फीसदी हो जाएगा. एक अधिकारी ने खुलासा किया कि पूरे बेड़े में 1 अप्रैल, 2030 तक केवल ईवी होने चाहिए. अगर एग्रीगेटर्स मानदंडों का पालन नहीं करते हैं तो जुर्माने का भी प्रावधान होगा.

     

    अभी तक टाटा टियागो ईवी भारत में सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है, जिसकी कीमत ₹8.69 लाख से शुरू होती है, जबकि टाटा की सेडान टिगोर ईवी की कीमत ₹12.49 लाख से शुरू होती है. इसके विपरीत, पेट्रोल से चलने वाली टिगोर की कीमत ₹6.20 लाख है - जो इसके इलेक्ट्रिक मॉडल की कीमतों के मुकाबले आधे से भी कम है. टिगोर CNG की कीमत ₹7.60 लाख से शुरू होती है.  (सभी कीमतें, एक्स-शोरूम) हैं, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पारंपरिक ईंधन से चलने वाली कारों और बैटरी से चलने वाले वाहनों की कीमतों के बीच अभी भी एक बड़ा अंतर है.

     

    नई एग्रीगेटर नीति के परिणामस्वरूप निर्माता कम प्राणी आराम के साथ अपने संबंधित ईवी के नए, अधिक किफायती एंट्री-लेवल एग्रीगेटर-ओनली वैरिएंट पेश कर सकते हैं. आने वाले वर्षों में देश में और अधिक किफायती ईवी की शुरूआत भी ICE वाहनों से ईवी में इस स्विच के कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण होगी.
     

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    Last Updated on April 10, 2023


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