श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे पर ज़ोजिला सुरंग का काम शुरू, खर्च होंगे Rs. 6,800 करोड़
हाइलाइट्स
हिमालय पर सबसे कठिन रास्तों और इलाकों से सालभर जुड़े रहना हमेशा से एक बड़ी समस्या रहा है और देरी की इस समस्या हो सरकार दूर करने का प्रयास कर रही है. लेह जाने के लिए मनाली से केलांग के बीच रोहतांग पास वाले रास्ते पर हाल में तैयार हुई अटल टनल के बाद भारत सरकार अब 14.15 किलोमीटर की नई ज़ोजिला पास सुरंग का निर्माण शुरू करने वाली है जो श्रीनगर से लेह के बीच की दूरी को बहुत कम कर देगी और इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण पूरे क्षेत्र से सभी मौसम में जुड़े रहा जा सकता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस सुरंग के निर्माण के लिए पत्थर तोड़ने वाली पहली ब्लास्टिंग 15 अक्टूबर को की गई है.
ज़ोजिला सुरंग एशिया की सबसे बड़ी सुरंगों में एक होगी और अटल सुरंग की तर्ज पर इसे बनाया जाएगा, इसके अलावा यह ज़्यादा आधुनिक स्तर पर तैयार की जाएगी. ज़ोजिला दर्रा समुद्रतल से 11,578 फीट एल्टिट्यूड पर स्थित है जो श्रीनगर-कारगिल-लेह नेशनल हाईवे 1 पर आता है और यह प्रोजेक्ट नीतिगत तौर पर बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह जम्मू-कश्मीर के आर्थिक और सांस्क्रतिक प्रगति के लिए काफी फायदेमंद होगा और इस सुरंग की सहायता से आसानी से इस क्षेत्र में किसी भी मौसम में सेना भेजी जा सकती है. यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि सैलानियों के लिए भी यह बहुत ही अच्छी खबर है, क्योंकि अब ज़ोजिला के रास्ते सफर करने पर पहाड़ी रास्तों की दूरी लगभग 2 घंटा 45 मिनट कम हो जाएगी.
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ज़ोजिला पास पर समय जिस खतरनाक रास्ते को पार करने में फिलहाल 3 घंटे का समय लगता है, इस सुरंगी की सहायता से वो 15 मिनट में पार किया जा सकता है. जैसा कि पहले बताया अटल सुरंगी की तर्ज पर ज़ोजिला सुरंगी बनेगी, यहां तक कि यह अटल सुरंग से भी आधुनिक होगी और भारत सरकार इस प्रोजैक्ट पर रु 6,800 करोड़ खर्चने वाली है. यह एशिया की सबसे लंबी बाय-डायरेक्शनल सुरंग होगी जिसके बीच में रुकने की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा इस सुरंग में दिशा और बाकी जानकारी देने वाले बोर्ड, स्पीड कैमरा, नेटवर्क कनेक्टिविटी, पर्याप्त लाइट, बहुत अच्छी तरह बिछी सड़क और अंदर से गुज़रता पैदल पार पथ भी दिया जाएगा.