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टेस्ला ने भारत सरकार की पीएलआई योजना के लिए नहीं किया आवेदन

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Government Of India Reveals Tesla Hasn't Applied For PLI Scheme
टेस्ला ने हमेशा कहा है कि वह पहले कारों का आयात करना चाहती है और फिर वह देश में वाहन बनाने के बारे में सोचेगी.
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित फ़रवरी 16, 2022

हाइलाइट्स

    भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला पर पलटवार किया है, जो बड़े पैमाने पर आयात शुल्क में कटौती की पैरवी कर रही है, जिससे वह भारत में अपनी चाइना में बनी कारों को बेच सके. अब सरकार ने खुलासा किया है कि टेस्ला केवल आयात शुल्क में राहत चाहती है, लेकिन उसने स्थानीय विनिर्माण के प्रति कोई रुझान नहीं दिखाया है और रु 44,000 करोड़ की पीएलआई योजना के लिए आवेदन भी नहीं किया है. यह योजना भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग में स्थानीय निर्माण के पर्यावरण को आसान बनाती है.

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    पीएलआई योजना के तहत 20 आवेदकों से रु 45,016 करोड़ तक के निवेश प्रस्ताव पहले ही मिल चुके हैं.  

    इकोनॉमिक टाइम्स के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "उन्होंने आवेदन नहीं किया है. टेस्ला ऑटो सेक्टर के लिए पीएलआई योजना के तहत उन्नत केमिस्ट्री सेल बनाने के लिए लाभ उठा सकती है, लेकिन कंपनी यहां उत्पादन करने के लिए कोई प्रतिबद्धता दिखाए बिना रियायती शुल्क चाहती है."

    यह भी पढ़ें: टेस्ला मॉडल Y इलेक्ट्रिक एसयूवी को भारत में फिर से परीक्षण करते हुए देखा गया

    सरकार द्वारा पेश प्रोत्साहन लागत अक्षमताओं को दूर करने के लिए 18 प्रतिशत तक की रियायतें देते हैं और ऑटो निर्माताओं को भारत में अपनी सप्लाय का गहरा स्थानीयकरण करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. सरकार का उद्देश्य है कि भारत में बेहतर ऑटोमोटिव तकनीक का विकास और निर्माण किया जाए. पीएलआई योजना के तहत 20 आवेदकों से रु 45,016 करोड़ तक के निवेश प्रस्ताव पहले ही मिल चुके हैं. इन आवेदकों में ह्यून्दे, सुजुकी मोटर गुजरात, अशोक लेलैंड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हीरो मोटरकॉर्प, बजाज ऑटो और ओला इलेक्ट्रिक शामिल हैं.

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    Last Updated on February 16, 2022


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