सरकार ने 2023 से वाहनों की ऑटोमेटेड फिटनेस टैसटिंग करने की योजना बनाई
हाइलाइट्स
केंद्र सरकार अगले साल अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों के जरिए वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य करने की योजना बना रही है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी की है. एक ऑटोमेटेड परीक्षण स्टेशन (एटीएस) वाहन की फिटनेस की जांच के लिए आवश्यक विभिन्न परीक्षणों को करने के लिए मशीनों का उपयोग करता है. 2 फरवरी को जारी की गई अधिसूचना के 30 दिनों के भीतर लोग सरकार को लिखकर इस बारे में अपनी राय दे सकते हैं.
मसौदा अधिसूचना के अनुसार 1 अप्रैल, 2023 से एटीएस के माध्यम से भारी माल वाहनों और भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण अनिवार्य होगा. वहीं मध्यम माल वाहनों और मध्यम यात्री मोटर वाहनों और हल्के मोटर वाहनों (परिवहन) के मामले में 1 जून, 2024 से आवश्यकता अनिवार्य कर दी जाएगी.
मसौदा अधिसूचना के अनुसार, फिटनेस प्रमाण पत्र कमर्शल वाहनों (परिवहन) के लिए दो साल के लिए और आठ साल से पुराने कमर्शल वाहनों (परिवहन) के लिए एक साल के लिए मान्य होगा. निजी वाहनों (गैर-परिवहन) के लिए फिटनेस परीक्षण पंजीकरण के 15 वर्ष पूरे होने पर किया जाता है.
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पिछले साल, मंत्रालय ने कहा था कि विशेष प्रयोजन वाहनों, राज्य सरकारों, कंपनियों, संघों और व्यक्तियों के निकाय जैसी संस्थाओं को व्यक्तिगत और परिवहन दोनों वाहनों की फिटनेस के परीक्षण के लिए एटीएस खोलने की अनुमति दी जा सकती है.
Last Updated on February 6, 2022