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1 जून से महाराष्ट्र में इंटरसिटी सेवाओं के लिए चलेंगी ग्रीनसेल मोबिलिटी की इलेक्ट्रिक बसें

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GreenCell Mobility To Deploy Intercity Electric Buses For MSRTC From June 1
इलेक्ट्रिक बस, जिसे 'शिवई' कहा गया है, को 1 जून, 2022 को तैनात किया जाएगा और यह पुणे-अहमदनगर मार्ग पर चलेगी. कुल मिलाकर, ग्रीनसेल MSRTC के लिए पूरे महाराष्ट्र में इंटरसिटी यात्रा के लिए 50 इलेक्ट्रिक बसें तैनात करेगा.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित मई 17, 2022

हाइलाइट्स

    सर्विस प्लेटफॉर्म के रूप में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की पेशकश करने वाली कंपनी ग्रीनसेल मोबिलिटी ने घोषणा की है कि वह महाराष्ट्र स्टेट रीजनल ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (एमएसआरटीसी) के लिए अपनी इंटरसिटी ई-बस तैनात करेगी. इलेक्ट्रिक बस, जो बसों की 'शिवई' श्रेणी के अंतर्गत आएगी, 1 जून, 2022 को MSRTC की स्थापना के दिन के उपलक्ष्य में तैनात की जाएगी, और यह पुणे-अहमदनगर मार्ग पर चलेगी. कुल मिलाकर, ग्रीनसेल जल्द ही पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापुर, नासिक और सोलापुर शहरों में MSRTC के लिए महाराष्ट्र भर में इंटरसिटी यात्रा के लिए 50 इलेक्ट्रिक बसें तैनात करेगा. शेष इलेक्ट्रिक बसों को चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा.

    यह भी पढ़ें: ग्रीनसेल मोबिलिटी ने नई इंटरसिटी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कोच ब्रांड 'न्यूगो' से पर्दा उठाया

     

    ग्रीनसेल मोबिलिटी का कहना है कि वह महाराष्ट्र में अपनी बारह मीटर की बसों के साथ 'ग्रीन रूट' बनाना चाहती है. कंपनी ने कहा है कि रूट के विस्तार के रूप में पुणे और औरंगाबाद के बीच 10 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है, जबकि 12 बसें पुणे-कोल्हापुर रूट पर चलेंगी. वहीं पुणे-नासिक रूट पर 18 और पुणे और सोलापुर के बीच 10 बसें चलेंगी. MSRTC ने 2019 में इंटरसिटी आवागमन के लिए इलेक्ट्रिक बसों की शिवाई रेंज पेश की.

    ae8a93bsग्रीनसेल MSRTC के लिए पूरे महाराष्ट्र में इंटरसिटी यात्रा के लिए 50 इलेक्ट्रिक बसें तैनात करेगा

    ग्रीनसेल मोबिलिटी के एमडी और सीईओ अशोक अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा, "इन ई-बसों के साथ, उद्देश्य राज्य में हरित और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना है. हम इस प्रयास में एमएसआरटीसी के साथ साझेदारी करके बहुत खुश हैं और आशा करते हैं कि यात्रियों को यात्रा का एक आरामदायक, सुरक्षित और हरित मार्ग प्रदान करने में सफल होंगे."

    इलेक्ट्रिक बसों में ली-आयन बैटरी लगी होती है और ये फास्ट चार्जिंग को भी सपोर्ट करती हैं, जो 90-120 मिनट का चार्ज टाइम देती हैं. बसें एक बार चार्ज करने पर 250 किमी की दूरी के साथ आएंगी, और ये मानक लक्जरी कोच होंगे जो स्थानीय परिवहन के लिए उपयुक्त होंगे और इनमें एक वातानुकूलित केबिन होगा. ग्रीनसेल का दावा है कि इन बसों के जीवनकाल में कुल 3,743 टन CO2 शून्य टेलपाइप उत्सर्जन से बचा जाएगा.

    इलेक्ट्रिक बस अपनाने ने भारत में कर्षण प्राप्त किया है और राज्य सरकारों के साथ कई शहरों ने अपनी बस-आधारित परिवहन प्रणाली को इलेक्ट्रिकफिकेशन करने की यात्रा शुरू की है. भारत सरकार की भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने और विनिर्माण (FAME) चरण- II योजना द्वारा इसे और तेज किया गया है.

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