अमेरिकी मोटरसाइकिल कंपनी हार्ली-डेविडसन भारत को कह सकती है अलविदा: रिपोर्ट
हाइलाइट्स
अमेरिकी मोटरसाइकिल कंपनी हार्ली-डेविडसन भारत में अपने असेंबली ऑपरेशन्स बंद करने पर विचार कर रही है जिसकी वजह कमज़ोर बिक्री और भविष्य में मांग की कमी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये आईकॉनिक ब्रांड सलाहकारों के ज़रिए हरियाणा के बावल स्थित किराए पर लिए अपने प्लांट में संभव आउटसोर्सिंग की ओर बढ़ रही है. रिपोर्ट में सामने आया है कि फिलहाल ये बातें प्रारंभिक स्तर पर हैं और हार्ली-डेविडसन इंडिया भारत में व्यापार इसीलिए भी बंद करना चाहती है, क्योंकि भष्यि में उसे बाज़ार से ज़्यादा उम्मीद नहीं है.
अप्रैल और जून 2020 के बीच कंपनी की देश में केवल 100 बाइक ही बेची गईं
भारत छोड़ने का ये फैसला ज़ाहिर तौर पर 'दी रिव्यू' रणनीति का हिस्सा है जिसे कंपनी के चेयरमैन, प्रेसिडेंट और चीफ एग्ज़िक्युटिव ऑफिसर योखेन ज़ाइट्स ने शुरू किया था. नई रणनीति में 50 बाज़ारों पर ध्यान लगाया जाएगा जिनमें मुख्य रूप से नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और एशिया पेसिफिक के कुछ हिस्से शामिल हैं जहां कंपनी की बाइक्स का वर्चस्व है और भविष्य में भी बेहतर संभावनाएं हैं. इस रिव्यू स्ट्रैटेजी में नए उत्पादों पर दोबारा विचार किया जाएगा और हार्ली-डेविडसन की पारंपरिक क्षमता को मजबूत करना लक्ष्य होगा.
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देश में कंपनी के सबसे ज़्यादा बिकने वाले मॉडल भी रु 77,000 तक की भारी छूट के साथ पेश किए जा रहे हैं
कंपनी की वेबसाइट के फ्यूचर मॉडल्स सैक्शन से हार्ली-डेविडसन ब्रॉन्क्स और स्ट्रीटफाइटर को हटा लिया गया है जो भारत में हार्ली की नई और स्पोर्टी मोटरसाइकिल होने वाली थीं. इसके अलावा पैन अमेरिका को भी हटाया गया है जो देश में कंपनी की पहली ऐडवेंचर टूरर बन सकती थी. पिछले वित्तीय वर्ष में, हार्ली-डेविडसन ने देश में 2,500 से कम इकाइयां बेचीं, और अप्रैल-जून 2020 के बीच, केवल 100 बाइक ही बेची गईं, जिससे भारत कंपनी के लिए सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले अंतरराष्ट्रीय बाजारों में से एक बन गया.