हिताची एबीबी पावर, अशोक लेलैंड और आईआईटी-मद्रास ई-बस पायलट परियोजना के लिए साथ आए
हाइलाइट्स
हिताची एबीबी पावर ग्रिड ने एक नए ई-मोबिलिटी पायलट प्रोजेक्ट के लिए अशोक लेलैंड और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है. तीनों मिलकर IITM के छात्रों और कर्मचारियों के लिए स्थायी परिसर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए सहयोग करेंगी. इलेक्ट्रिक बस, जो अशोक लेलैंड द्वारा निर्मित की जाएंगी, हिताची एबीबी पावर ग्रिड की फ्लैश-चार्ज तकनीक - ग्रिड-इमोशन फ्लैश का उपयोग करेगी. दूसरी ओर, आईआईटी-एम ई-बसों के लिए फ्लैश-चार्जिंग सिस्टम को चलाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की मेज़बानी करेगा.
अशोक लेलैंड के मुख्य तकनीकी अधिकारी, एन सरवनन ने कहा, "इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक के साथ हमारी मज़बूत बसों का संयोजन और हिताची एबीबी पावर ग्रिड से चार्जिंग, टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन की आवश्यकता को पूरा करेंगी".
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दूसरी ओर, IIT मद्रास के निदेशक प्रो भास्कर राममूर्ति ने कहा, “भारत की ई-मोबिलिटी चार्जिंग ढांचे का विकास और ई-बसों की बढ़ती तैनाती भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थायी परिवहन समाधान की मांग को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है. हमें उम्मीद है कि हम अध्ययन और समझने की कोशिश करेंगे कि कैसे सही तकनीक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना एक कुशल परिवहन प्रणाली को सक्षम कर सकती है".
हिताची एबीबी पावर ग्रिड इंडिया के एमडी एन वेणु ने कहा "यह भागीदारी बिना प्रदूषण वालाे सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराएगी जो कंपनी की पुरस्कार पाने वाली तकनीक से युक्त है. उन्होंने कहा कि ठोस नीतिगत उपायों के साथ उद्योगों और शिक्षण संस्थानों के एक साथ आने से वास्तव में ई-वाहन के लिये एक टिकाऊ और भरोसेमंद व्यवस्था मिल पाएगी".
हिताची एबीबी की ग्रिड-इमोशन फ्लैश का दुनिया की सबसे तेज फ्लैश-चार्ज कनेक्शन तकनीक होने का दावा किया जाता है. सिस्टम को 600 किलोवाट पावर बूस्ट के साथ बैटरी को चार्ज करने के लिए केवल 15 सेकंड की आवश्यकता होती है, जबकि अंतिम टर्मिनल पर अतिरिक्त कुछ मिनट के समय में इसे पूरी तरह से रिचार्ज कर सकता है.