कबाड़ नीति का इस्तेमाल करने वालों को नई कार की ख़रीद पर मिलेगी छूट: गडकरी
हाइलाइट्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2021 के केंद्रीय बजट के दौरान वाहन स्क्रैपेज नीति की घोषणा की गई थी. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया है कि स्क्रैपिंग नीति भारतीय मोटर वाहन उद्योग के लिए नए नियम तय करेगी. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, परिवहन मंत्री ने अब कहा कि जो मालिक अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करते हैं, उन्हें स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत एक नया वाहन खरीदते समय निर्माता से लगभग पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी. मंत्री ने पहले भी कहा था कि मालिकों को अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने से निर्माताओं से कुछ लाभ मिलेंगे.
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गडकरी ने कहा है कि सरकार स्क्रैपिंग केंद्र के लिए निजी भागीदारों और राज्य सरकारों की सहायता करेगी.
नई नीति के अनुसार, निजी वाहनों को 20 साल पूरे होने के बाद फिटनेस टेस्ट से गुज़रना होगा जबकि कमर्शल वाहनों को 15 साल के बाद फिटनेस टेस्ट कराना होगा. गडकरी ने कहा कि फिटनेस परीक्षण केंद्र सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मोड के तहत स्थापित किए जाएंगे, जबकि सरकार स्क्रैप केंद्रों को लगाने के लिए निजी भागीदारों और राज्य सरकारों की सहायता करेगी. जो वाहन इन परीक्षणों में विफल होंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा और ज़ब्त भी किया जाएगा.
नई नीति के अनुसार, निजी वाहनों को 20 साल पूरे होने के बाद फिटनेस टेस्ट से गुज़रना होगा
वाहन कबाड़ नीति को भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक माना जा रहा है, जो कोविड-19 महामारी से प्रमुख रूप से प्रभावित हुआ है. नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान में रु 4.5 लाख करोड़ से आने वाले वर्षों में भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के कारोबार का 30 प्रतिशत बढ़कर रु 10 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.
सरकार के मुताबिक लगभग एक करोड़ प्रदूषण फैलाने वाले वाहन स्क्रैपिंग के लिए जाएंगे. इस अनुमानित संख्या में से, 51 लाख इकाइयाँ हल्के मोटर वाहन (LMV) होंगे जो 20 वर्ष से अधिक आयु के होंगे और 34 लाख LMV 15 वर्ष से अधिक आयु के होंगे. नीति में 17 लाख मध्यम और भारी मोटर वाहन शामिल होंगे, जो 15 साल से ऊपर के हैं, और वर्तमान में वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना हैं.