मेड-इन-इंडिया सुजुकी बलेनो को लैटिन एनकैप क्रैश टेस्ट में मिले शून्य स्टार
हाइलाइट्स
लैटिन एनकैप के न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम ने हाल ही में सुजुकी बलेनो का क्रैश-टेस्ट किया है और इसमें प्रीमियम हैचबैक को निराशाजनक ज़ीरो-स्टार रेटिंग मिली है. यहाँ पर सबसे बड़ी बात यह है कि लैटिन अमेरिका क्षेत्र में बेची जाने वाली बलेनो का निर्माण भारत में जापानी कार निर्माता के गुजरात प्लांट में किया जाता है. पिछले दो महीनों में लैटिन एनकैप से शून्य रेटिंग पाने वाली यह दूसरी मेड-इन-इंडिया सुजुकी कार है. इससे पहले अगस्त में, स्विफ्ट को भी लैटिन NCAP से जीरो-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी.
कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 20.03 फीसदी और चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी के लिए 17.06 फीसदी का स्कोर मिला है.
जिस कार का क्रैश टेस्ट किया गया, उसमें दो एयरबैग स्टैण्डर्ड थे. इसे एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 20.03 फीसदी और चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी के लिए 17.06 फीसदी का स्कोर मिला. वहीं कार ने पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए 64.06 प्रतिशत का अच्छा स्कोर किया, हालांकि, जब सुरक्षा फीचर्स की बात आई, तो स्कोर निराशाजनक 6.98 प्रतिशत तक गिर गया. हालांकि, हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि लैटिन एनकैप ने इस साल की शुरुआत में अपनी परीक्षण नीतियों को बदला था, जो अब ग्लोबल एनसीएपी की तुलना में ज़्यादा कठोर हैं.
बलेनो को फ्रंटल इम्पैक्ट और साइड-इपेक्ट, व्हिपलैश और पैदल यात्री सुरक्षा के लिए परीक्षण किया गया. फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट के दौरान, कार ने स्थिर प्रदर्शन दिखाया, हालांकि, साइड इफेक्ट टेस्ट में सामने के यात्रियों की छाती को चोट आई. वहीं व्हिपलैश परीक्षण ने गर्दन पर कम सुरक्षा दिखाई, और यही दोनो चीज़ें शून्य सुरक्षा रेटिंग का मुख्य कारण बनीं. लैटिन एनकैप का कहना है कि मानक साइड बॉडी और हेड प्रोटेक्शन एयरबैग की कमी, मानक ईएससी की कमी और सुजुकी का चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम की सिफारिश नहीं करने का निर्णय भी कार के खराब प्रदर्शन के कारण बने.
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लैटिन एनकैप ने बताया कि यूरोप में बिकने वाली बलेनो 6 एयरबैग और मानक ईएससी के साथ आती है, जबकि लैटिन अमेरिका में यह मॉडल नहीं है.